नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) लाखों रूपए खर्च कर कनाडा जा रहे बच्चों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, कनाडा में रह रहे लोगों का अब वहां से भरोसा उठ गया है। बता दें कि पिछले 6 महीने में करीब 42 हड़ार लोगों ने वहां की PR छोड़ दी है।
कनाडा जाकर करियर और जिंदगी को नया रूप देने के लिए भारतीय छात्रों का सपना अब टूटता हुआ नज़र आ रहा है। कनाडा के बड़े शहरों में अपराधियों और गैंगस्टरों का प्रभाव बढ़ने के कारण 42 हजार लोगों ने वहां की पीआर छोड़ दी है। इसका एक बड़ा कारण बैंक ब्याज दरें व घरों की बढ़ती हुई कीमतें हैं।
इसी कारण कनाडा में रिवर्स गया है। इस साल शुरुआती छह माह में 42 हजार लोगों ने कनाडा की स्थायी नागरिकता (पीआर) छोड़ी है। इसमें भारतीय व गैर भारतीय दोनों शामिल हैं। 2022 में यह संख्या 93,818 थी। कनाडा सरकार के इमीग्रेशन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले 2021 में 85,927 लोगों ने कनाडा छोड़ा था। इनमें बड़ी संख्या पंजाबियों की भी है।
बता दें कि कनाडा में रिहायशी मकानों की संख्या बहुत कम है और घरों के किराये तेजी से बढ़ रहे हैं। यानि कि लोगों की जितनी कमाई है, उसका 30 फीसदी हिस्सा उन्हें केवल मकान के किराये में चुकाना पड़ रहा है। बता दें कि ट्रूडो सरकार में काफी कुछ महंगा हुआ है। पहले बैंक ब्याज दर 1.5 फीसदी प्रति वर्ष होती थी, जो आज 7.5 फीसदी पहुंच गई है।
वहीं कनाडा में श्रमिकों को छोटा-मोटा काम करने वालों को हर महीने केवल 1900 डॉलर प्रति माह मिलते है। ऐसे में 700 डॉलर कम से कम किराया, 30 फीसदी सैलरी टैक्स के अलावा कार की इंश्योरेंस समेत तमाम खर्चे हैं।