होशियारपुर (द पंजाब प्लस) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज पंजाब के लोगों से पौधारोपण अभियान को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया ताकि पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के साथ-साथ राज्य में हरियाली का क्षेत्र बढ़ाया जा सके। मुख्यमंत्री ने आज यहां वन महान उत्सव के अवसर पर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस अनूठी पहल का उद्देश्य राज्य भर में हरियाली को और बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने गुरबाणी श्लोक ‘पवणु गुरु पानी पिता माता धरती महतु’ का जिक्र करते हुए कहा कि महान गुरुओं ने वायु को गुरु, जल को पिता और भूमि (पृथ्वी) को माता का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि उस समय ऐसी कोई औद्योगिक इकाइयां नहीं थीं जो पर्यावरण को प्रदूषित करती थीं लेकिन यह हमारे महान गुरु साहिबों का दूरदर्शी दृष्टिकोण था जिसका उद्देश्य प्रदूषण को खत्म करना था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें गुरबाणी की शिक्षाओं का पालन करना चाहिए ताकि राज्य के पर्यावरण को उसके प्राचीन गौरव को बहाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को अधिक पौधे लगाकर राज्य सरकार का समर्थन करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि समय की मांग के अनुसार पर्यावरण को बचाना हम सभी का कर्तव्य है ताकि पौधारोपण अभियान को जन आंदोलन बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को बचाने और ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए ‘कार्बन क्रेडिट योजना’ लागू करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना TERI (ऊर्जा एवं अनुसंधान संस्थान) के सहयोग से राज्य में लागू की गई है और पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य के 3686 किसानों को 45 करोड़ रुपए चार किश्तों में वितरित किए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने आज होशियारपुर जिले के 818 किसानों को इस योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 1.75 करोड़ रुपए के चेक वितरित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धनराशि उन किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी जो पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह योजना ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव को कम करने में सार्थक भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदूषण फैलाने वाले जिम्मेदार पक्षों के सिद्धांत पर आधारित है, जहां प्रदूषण फैलाने वाले दलों, प्रदूषण कम करने में योगदान देने वाले संगठनों या किसानों को आर्थिक रूप से मुआवजा दिया जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसान पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं जिसके कारण ये किसान इस योजना के पात्र लाभार्थी बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर प्रकृति के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि इस मानवीय भूल के कारण हम देशभर में प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं और अधिक से अधिक पेड़ लगाना ही इसका एकमात्र समाधान है। भगवंत सिंह मान ने किसानों को अपने खेतों में कम से कम चार पौधे लगाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए इस संबंध में कानून भी बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने सत्ता संभाली थी तब नहरी पानी का मात्र 21 प्रतिशत ही उपयोग हो रहा था। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व और संतोष की बात है कि आज 72 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नई कंधी नहर का निर्माण किया जा रहा है जिससे 11,000 एकड़ भूमि को लाभ होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि धार कलां में 206 मेगावाट क्षमता के बांध का भी शीघ्र लोकार्पण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य और इसके लोगों के कल्याण के लिए अनुकरणीय पहल की है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार उनकी सरकार ने प्रदेश में मालवा नहर का निर्माण शुरू कराया है. उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड है कि राज्य की पिछली किसी भी सरकार ने इस जरूरत पर ध्यान नहीं दिया।
सीएम मान ने कहा कि लगभग 150 किलोमीटर लंबी यह नई नहर राज्य, विशेषकर मालवा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेगी और राज्य सरकार इस प्रतिष्ठित परियोजना पर लगभग 2,300 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे राज्य की लाखों एकड़ भूमि की सिंचाई की जरूरतें पूरी होंगी। मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक रणनीति से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, कि ‘बादल परिवार का बेटा अब अपने किए पर माफी मांग रहा है लेकिन उसे एक बात याद रखनी चाहिए कि गलतियां माफ की जा सकती हैं लेकिन अपराध कभी माफ नहीं किए जाते।’ बादल परिवार ने राज्य और इसके लोगों के खिलाफ जघन्य अपराध किए हैं जिन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ईशनिंदा मामले को लेकर सबूत जुटा रही है और इस अपराध के असली दोषी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे। बागी अकाली नेतृत्व पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नेता अब इस मुद्दे पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, जबकि जब ये अपराध हो रहे थे, तब यह बागी नेतृत्व बादल परिवार का भी करीबी था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं ने पंजाब के साथ जो गद्दारी की है, उससे अब वह सिर्फ बयानबाजी से छुटकारा नहीं पा सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे दिन गए जब सरकार चंडीगढ़ के दफ्तरों से चलती थी।
उन्होंने कहा कि असली मालिक तो जनता है और लोगों का समय, पैसा और ऊर्जा बचाने के लिए सरकार अब गांवों और कस्बों से चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही ‘सरकार अभय द्वार’ कार्यक्रम शुरू कर दिया है, जिसके तहत लोगों को नागरिक केंद्रित सेवाएं घर-घर तक पहुंचाने के लिए गांव स्तर पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आने वाले दिनों में जन कल्याण के लिए इस तरह की और भी जनहितैषी पहल की जाएंगी। इस अवसर पर राजस्व मंत्री ब्रहम शंकर जिम्पा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं वन मंत्री लाल चंद कटारूचक, लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चैबेवाल और अन्य भी उपस्थित थे।