चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब में कई फार्मासिस्ट अब विजिलेंस की रडार पर हैं। मिली खबर के अनुसार पंजाब में डी-फार्मेसी के फर्जी डिग्री घोटाले में अब विजिलेंस टीम फर्जी डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की सूची बनाने में जुट गई है। जिससे डी फार्मेसी घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। विजिलेंस के एआईजी की अध्यक्षता वाली एसआईटी को अब तक 300 से ज्यादा फर्जी डिग्रियों की जानकारी मिली है। गौरतलब है कि देशभर के 8 संस्थानों से फर्जी डिग्री हासिल कर सैकड़ों लोग कई सालों से सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं।
विजिलेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फर्जी सर्टिफिकेट/डिग्री पाने वालों की संख्या एक हजार से भी ज्यादा हो सकती है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस ने अपनी जांच में 20 संस्थानों की पहचान की जिनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। इनके मालिकों पर कार्रवाई होगी। इन संस्थानों के 2005 से 2022 तक के पूरे डी-फार्मेसी रिकॉर्ड की जांच की जाएगी कि कब लोगों ने डी-फार्मेसी संबंधी प्रमाणपत्र जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि इनके ऊपर आरोप है कि इन्होंने मोटी रकम लेकर दूसरे राज्यों के फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए जिसके आधार पर युवा पंजाब में दवा का कारोबार कर रहे हैं। डी-फार्मेसी के 17 साल के रिकॉर्ड की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं विजिलेंस जांच अधिकारियों का कहना है कि डी-फार्मेसी से संबंधित सरकारी नौकरी चाहने वालों के लिए कब रिक्तियां जारी की गईं, किन विभागों में संबंधित योग्यता के साथ भर्ती के लिए विज्ञापन दिया गया, इन सभी की जांच की जाएगी। यह सर्टिफिकेट लेने वालों को दवाओं के बारे में ठोस और पूरी जानकारी नहीं होती है। लोगों के रिकॉर्ड की भी जांच शुरू कर दी है, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी नौकरी हासिल की है। एआईजी की अध्यक्षता वाली एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है।