जालंधर (दीपक पंडित) लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिली करारी हार के बाद हाईकमान को एक बार सोचने पर मजबूर कर दिया है। चुनावों में यहां सारे पंजाब में 13.0 का नेताओं की तरफ से वायदा किया जा रहा था कि सभी सीटें जीतेंगे, लेकिन पंजाब में सिर्फ तीन सीटों पर जीत हासिल की है, बल्कि कांग्रेस ने सात सीटें हासिल कर पंजाब में बापसी की तैयारी की है। अब पंजाब में लोगों की नगर निगम एवं पंचायत चुनावों पर नजर रहेगी कि कब सरकार इन चुनावों को करवाए।
पंजाब में नगर निगम एंव नगर कौंसिल चुनाव न करवाकर आम – आदमी पार्टी को लोकसभा चुनावों में काफी नुकसान हुआ है। अगर – निगम चुनाव करवाये होते तो उनके पार्षद फील्ड में ज्यादा काम करते – एव ग्राउंड लेवल पर पकड़ मजबूत होती। शहरी इलाकों में पार्टी के वोट बैंक का बुरा हाल हुआ है। शहर – इलाकों में तो लोगों का गुस्सा इस कदर फूटा है कि विधान सभा चुनावों में जिस तरह आप के हक में मतदान हुआ था, वहीं यह उल्ट हो गया। वह कुछ दूसरी पार्टी के नेताओं को पार्टी में शामिल करवाने को लेकर भी आप के फाउंडर मेंबर नाराज चल रहे थे।