चंडीगढ़ (द पंजाब प्लस) संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के मुद्दों को जोरदार से ढंग से उठाया। उन्होंने जहां किसानों-मजदूरों का मुद्दा उठाया है, वहीं पंजाब की जरूरतों को भी प्रमुखता से संसद में रखा। संत सीचेवाल की ओर से उठाए गए करीब 14 सवालों के जवाब अब तक विभिन्न मंत्रालयों को मिल चुके हैं।
मानसून सत्र में संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने मुख्य रूप से सुभानपुर-करतारपुर रेलवे क्रॉसिंग पर अंडर और फ्लाईओवर के निर्माण की मांग की। कहा कि वर्ल्ड फंड नेचर फंड की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक 30 शहरों में पीने का संकट होगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि पंजाब के तीन शहर प्रमुख हैं, जालंधर, लुधियाना और अमृतसर सहित शहरों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में प्रश्न पूछे गए हैं। इस रिपोर्ट में शामिल बेंगलुरु में जल संकट साफ तौर पर देखा गया, जब पानी की कमी के कारण शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा। उन्होंने अपने हर सवाल के जरिए जनहित के मुद्दों, सामाजिक कुरीतियां दूर करने, पर्यावरण बचाने से जुड़े सवाल पूछे हैं।
इसी प्रकार पंजाब और देश में बढ़ते कैंसर के मामलों और उपचार के बारे में, दहेज प्रथा को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों और कार्यों, पंचायतों के विकास और डिजिटलीकरण और वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों के बारे में सवाल किए। पंजाब के हवाई अड्डों को अपग्रेड करने तथा अन्य नई अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने, किसान आंदोलन के दौरान सरकार की ओर से मानी गई मांगों को पूरा न करने के कारणों, बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना तहत बनाए गए घर और जारी किए और रोके गए फंड्स संबंधी लिखित सवाल उठाए।
संत सीचेवाल ने इस सत्र में अब तक जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों पर अधिर जोर दिया कि यह कृषि को कैसे प्रभावित करेगा और पीने के पानी का संकट पैदा करेगा। जिसका असर इस बार साफ दिख रहा है।