नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) बांग्लादेश में हालात बहुत खराब हैं। हर जगह लूटपाट हो रही है। जेसोर के जिस जाबिर इंटरनेशनल होटल में हम रुके थे, वहां भीड़ ने आग लगा दी। मेरे साथ भाई भी था। भाई ने होटल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। उसका पैर टूट गया है। हम किसी तरह जान बचाकर भागे हैं।’
बिजनेस के सिलसिले में रजिउल बांग्लादेश गए थे, लेकिन वहां हुई सियासी उठापटक के बीच हिंसा में फंस गए। 5 अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद देशभर में जगह-जगह हिंसा हुई। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं और उनके समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है।
6 अगस्त को अवामी लीग के 29 नेताओं और उनके परिवार के लोगों के शव मिले। उनके घरों में लूटपाट करके आग लगा दी गई।
रजिउल उन 65 लोगों में से हैं, जो बांग्लादेश से जान बचाकर बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के बनगांव पहुंचे है। बचकर लौटे लोगों में कई जख्मी हैं। किसी का पैर टूटा है, तो किसी का हाथ। इनमें भारतीयों के साथ-साथ बांग्लादेशी नागरिक भी हैं, जिन्होंने बिजनेस वीजा पर भारत में शरण ली है।
बांग्लादेश में हिंदू आबादी शेख हसीना के समर्थक रही है। लिहाजा, यहां हिंसा में हिंदू परिवारों और मंदिरों को भी निशाना बनाया गया।
बांग्लादेश बॉर्डर पर बनगांव में हमारी मुलाकात रजिउल इस्लाम से हुई। रजिउल असम के रहने वाले हैं। वे बांग्लादेश के जेसोर से लौटे हैं। 5 अगस्त की शाम जेसोर में भीड़ ने जाबिर इंटरनेशनल होटल में आग लगा दी थी। ये फाइव स्टार होटल अवामी लीग के जनरल सेक्रेटरी और MP शाहीन चकलादार का था। हादसे में 25 लोग मारे गए। वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
घटना के वक्त होटल में कई भारतीय भी थे। रजिउल बताते हैं, ‘मैं बिजनेस के सिलसिले में बांग्लादेश गया था। मैं टायर एक्सपोर्ट का काम करता हूं। हादसे के दिन होटल में ही था। मेरे साथ मेरा भाई भी था। शाम 4 बजे के आसपास भीड़ ने होटल में आग लगा दी। घबराकर मेरा भाई होटल की चौथी मंजिल से कूद गया। उसका पैर टूट गया है।’
यहीं हमारी मुलाकात असम के रहने वाले शाहिद अर्जित से भी हुई। उनके हाथ-पैर टूटे हुए हैं। वे एंबुलेंस में बनगांव बॉर्डर पहुंचे थे। 5 अगस्त को शाहिद भी जेसोर के होटल में रुके थे। वे बताते हैं, ‘होटल में आग लगाई गई, तब मैं अपने कमरे में ही था। लोगों के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। सभी ने अपना कमरा बंद कर लिया था। होटल की खिड़की से मुझे धुआं निकलता दिखा।’
शाहिद बताते हैं, ‘लोग जान बचाने के लिए खिड़की और बालकनी से नीचे कूद रहे थे। मेरे साथ मेरा छोटा भाई भी था। हम दोनों तीसरी मंजिल से कूद गए। इसके बाद हमें जख्मी हालत में जेसोर के लोकल हॉस्पिटल ले जाया गया। मेरे दोनों पैर टूट गए हैं। भाई की कमर पर चोट आई है। अब हम इलाज के लिए कोलकाता जा रहे हैं।’