कोलकाता (द पंजाब प्लस) ‘गुरुवार रात 11 बजे बेटी से आखिरी बार बात हुई थी। मैंने पूछा- खाना खा लिया? उसने कहा, अभी नहीं, ऑनलाइन आर्डर किया है। फिर उससे बात नहीं हुई। मेरी लड़की को मार दिया। बहुत मेहनत करके उसे डॉक्टर बनाया था।’
ये 31 साल की उस ट्रेनी डॉक्टर की मां का दर्द है, जो कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में काम करती थी। चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट में PG सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। शुक्रवार, 9 अगस्त को हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में उसकी डेडबॉडी मिली।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि मर्डर से पहले उससे रेप किया गया था। शरीर पर चोट और खंरोच के कई निशान थे। चेहरे और आंखों पर खून के धब्बे थे। प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई थी।
मर्डर का आरोप कोलकाता पुलिस में सिविल वॉलंटियर संजय पर है। 33 साल का संजय अभी पुलिस की गिरफ्त में है। वो बेरोकटोक हॉस्पिटल में जाता था। खुद को पुलिसवाले की तरह दिखाता था। कोलकाता पुलिस की टीशर्ट पहनता था और बाइक पर भी कोलकाता पुलिस का टैग लगा रखा था।
8 अगस्त की बात है। ओलिंपिक में जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा का इवेंट था। गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, इसलिए ट्रेनी डॉक्टर, चार जूनियर डॉक्टर्स के साथ ओलिंपिक देख रही थीं। बाहर से खाना ऑर्डर किया था। नीरज चोपड़ा का इवेंट रात करीब 2 बजे तक चला।
नीरज के सिल्वर मेडल जीतने के बाद पांचों डॉक्टर्स ने इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर बने सेमिनार हॉल में साथ खाना खाया। इसके बाद बाकी लोग चले गए। ट्रेनी डॉक्टर सेमिनार हॉल में ही रुक गईं। उन्हें पढ़ाई करनी थी। पढ़ते-पढ़ते उनकी नींद लग गई। रात 3 बजे कुछ डॉक्टर्स ने उन्हें सेमिनार हॉल में सोते देखा था।
अगली सुबह करीब 9 बजे वहीं उनकी डेडबॉडी मिली। पुलिस और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। जांच के लिए 7 सदस्यों वाली SIT बनाई गई। इसकी अगुआई स्पेशल सीपी मुरलीधर शर्मा को दी गई।
पुलिस ने 6 घंटे के अंदर शुक्रवार देर रात संजय रॉय नाम के शख्स को अरेस्ट कर लिया। जांच में पता चला कि संजय गुरुवार रात 11 बजे हॉस्पिटल में घुसा था। दो घंटे बाद बाहर निकल गया। उस वक्त वो नशे में था। संजय सुबह 4 बजे फिर हॉस्पिटल पहुंचा। वो सीधे इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसा और करीब 40 मिनट बाद बाहर निकला।
पुलिस को मर्डर वाली जगह से एक ब्लूटूथ इयरफोन मिला था। पुलिस ने सभी संदिग्धों के मोबाइल फोन से इयरफोन कनेक्ट करके देखा। ये संजय के मोबाइल से कनेक्ट हो गया। CCTV फुटेज में भी दिख रहा है कि संजय सुबह 4 बजे ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर इमरजेंसी बिल्डिंग में जा रहा है। वो बिल्डिंग से बाहर निकला, तब उसका इयरफोन नहीं था।
पुलिस सोर्स के मुताबिक, पकड़े जाने के बाद संजय ने गुनाह कबूल कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने कहा कि मैंने अपराध किया है, मुझे फांसी दे दो। जांच में पता चला कि संजय हिंसक प्रवृत्ति का है। वो अपनी मां, बहन और पत्नी पर भी हमला कर चुका था।
विक्टिम डॉक्टर के नाखूनों में स्किन और ब्लड मिला था। जांच में दोनों के सैंपल संजय से मैच कर गए। उसे शुक्रवार को सियालदह कोर्ट में पेश किया गया। कोई वकील उसका केस लड़ने को तैयार नहीं हुआ। कोर्ट ने इस घटना की तुलना दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड से की है।
पुलिस के मुताबिक, ट्रेनी डॉक्टर के मर्डर के बाद संजय अपने घर जाकर सो गया। उठने के बाद उसने अपने कपड़े धोए, ताकि खून के निशान न मिलें। हालांकि, पुलिस को संजय के जूतों पर खून के निशान मिल गए हैं। उसके मोबाइल में पोर्न वीडियो भी मिले हैं।