चंडीगढ़ (द पंजाब प्लस) शिरोमणि अकाली दल छोड़कर आम आदमी पार्टी जॉइन करने वाले बंगा के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खी मुश्किल में आ गए हैं। पंजाब एंड हरियाणा के एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने उन्हें पब्लिक डिमांड नोटिस भेजा है। साथ ही कहा कि अब आप अपने विधायक पद से इस्तीफा दे।
क्योंकि लोगों ने आपको शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर चुना था, लेकिन अब आपने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। उन्होंने कहा है कि आप पर भी दल बदल कानून लागू होता है। ऐसे में इस्तीफा देना जरूरी है। आप एक महत्वपूर्ण पद पर है। साथ ही सारी चीजों को अच्छी तरह से समझते हैं। ऐसे में पहल के आधार पर अपना इस्तीफा विधानसभा के स्पीकर को भेज दे। वरना वह विधानसभा स्पीकर को इस मामले में शिकायत करेंगे।
CM की उपस्थिति में जॉइन की थी पार्टी
डॉ. सुखिवंदर सिंह सुक्खी की तरफ से 14 अगस्त को आम आदमी पार्टी जॉइन की गई थी। उन्होंने CM भगवंत मान की उपस्थिति में पार्टी जॉइन की थी। इस मौके उन्होंने डॉ. सुक्खी ने कहा कहा था कि वह अपने इलाके के विकास के लिए AAP जॉइन कर रहे हैं।
क्योंकि वह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। लेकिन वह अपने इलाके का विकास नहीं करवा रहे थे। क्योंकि पहले कांग्रेस की सरकार थी, जबकि अब AAP की सरकार है। वहीं, सीएम को उन्होंने जो भी काम बताया। वह पहल के आधार पर हुआ है। ऐसे में उन्होंने यह राह चुनी है। हालांकि उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल में हमेशा उन्हें बनता मान सम्मान मिला है।
एडवोकेट ने नोटिस में दिए हैं यह तर्क
1. आप पंजाब विधानसभा के पिछले चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
2. 14 अगस्त 2024 को आपने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उसी दल की टिकट पर आपने बंगा विधानसभा सीट से पिछला विधान सभा चुनाव लड़ा था और वह सीट जीती थी। सीएम भगवंत मान ने आप को आम आदमी पार्टी में शामिल करवाया।
3. पंजाब के लोगों और बंगा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने आपको कभी भी आम आदमी पार्टी में शामिल होने का जनादेश नहीं दिया। इस प्रकार, अनुच्छेद 102 (2) और 191 (2) के तहत परिकल्पित “दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधान” की धारा 2 के
प्रावधानों को ध्यान में रखा जाए। भारत के संविधान की “10वीं अनुसूची के अनुसार, आपको पंजाब विधान सभा के सदस्य के रूप में बने रहने के लिए अयोग्य माना जाता है, क्योंकि आपने स्वेच्छा से शिरोमणि अकाली दल की सदस्यता छोड़ दी है।
4. मैं आपके ध्यान दिलाना चाहता हूं कि पंजाब विधान सभा द्वारा अधिनियमित नियमों के तहत अर्थात “पंजाब विधान सभा (दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता) नियम, 2020”, विशेष रूप से नियम 6(1) के तहत और उपरोक्त नियमों के 6 (2) के अनुसार, “कोई भी व्यक्ति”
विधान सभा के सदस्य के रूप में बने रहने पर आपकी अयोग्यता की मांग के लिए पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर कर सकता है। कानून का उपरोक्त प्रस्ताव कि कोई भी व्यक्ति (जो विधान सभा का सदस्य हो भी सकता है या नहीं भी),
पंजाब विधान सभा के माननीय अध्यक्ष के समक्ष ऐसी याचिका दायर कर सकता है, जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से सुदृढ़ है।
5. यह सार्वजनिक सूचना आपको एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति के रूप में दी जा रही है। किसी भी राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा नहीं रखते हुए और केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते, और आम जनता का एक सदस्य होने के नाते, जो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर करने के लिए जाना जाता है। ) हाईकोर्ट में पंजाब के लोगों के सार्वजनिक हित में मैं ईमानदारी से आशा और विश्वास करता हूं कि आप अपने विवेक के अनुसार और देश के कानून के अनुसार कार्य करेंगे, और अपने खिलाफ शिकायतकर्ता के रूप में मेरे लिए कोई उद्देश्य नहीं रखेंगे।
6. मुझे उम्मीद है कि एक सम्मानित नागरिक और बंगा निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते, आप देश के कानून का सम्मान करेंगे, और भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के अक्षरशः और भावना के अनुसार कार्य करेंगे। और बिना किसी नोटिस या नोटिस की अपेक्षा किए तुरंत पंजाब विधान सभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप देंगे।