चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) फसलों पर MSP की लीगल गारंटी समेत अन्य मुद्दों को लेकर फरवरी से चल रहे किसानों के संघर्ष के बीच आज पंजाब में ट्रेनें रोकी जाएंगी। दोपहर साढ़े 12 बजे से ढाई बजे तक किसान रेलवे ट्रैकों पर धरना देंगे।उनका पंजाब के 22 जिलों में 35 जगह और हरियाणा में एक जगह ट्रेनें रोकने का प्लान है।
यह धरना प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संगठन के बैनर तले चलेगा। ऐसे में ट्रेनों से सफर करने वाले लोगों को दिक्कत उठानी पड़ सकती है। धरने की समयावधि में चंडीगढ़, अंबाला, अमृतसर और जम्मू रूट प्रभावित रहेगा।
इसे लेकर फिरोजपुर मंडल और अंबाला मंडल की ओर से 2 घंटे के बंद के कारण ट्रेनों को रद्द व शॉर्ट टर्मिनेट किए जाने का औपचारिक ऐलान किया है।
किसान शंभू बॉर्डर पर भी रेल रोको आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन के जरिए वह सरकार से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की हत्या के मामले में इंसाफ, फसलों पर MSP गारंटी कानून, किसान मजदूर के कर्जे माफ जैसी प्रमुख मांगें कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी मांगे बिल्कुल जायज हैं।
इस साल यह तीसरा मौका है, जब किसान रेलवे ट्रैक जाम करने जा रहे हैं। इससे पहले किसानों ने अमृतसर में 15 फरवरी को पहली बार रेल ट्रैक रोके थे। फिर 16 अप्रैल को शंभू ट्रैक पर प्रदर्शन शुरू किया था, जो कि करीब 34 दिन तक चला था।
RPF के सीनियर DSP अरुण कुमार त्रिपाठी ने अपनी डिवीजन में आने वाले सभी पोस्ट के प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से बैठक की। उन्होंने सतर्कता बनाए रखने के आदेश दिए। रेलवे ट्रैक व स्टेशनों पर RPF भी तैनात रहेगी। खुफिया एजेंसियां भी नजर बनाए हुए हैं।
पंजाब के किसान संगठनों द्वारा 35 जगहों पर रेल ट्रैक जाम करने के ऐलान पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा कि किसानों को रेल ट्रैक रोकने का नुकसान खुद उठाना पड़ेगा। इस पर किसानों ने केंद्रीय मंत्री के बयान का जवाब भी दिया।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आंदोलन लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों और पत्रकार को इंसाफ दिलाने को लेकर है। बिट्टू यह न भूलें कि जिस सरकार में वह मंत्री हैं, उसी ने आरोपियों को मंत्री बनाए रखा था।