जालंधर,8 नवंबर (दीपक पंडित) जालंधर में आज छठ पूजा के आखिरी दिन शक्ति पीठ श्री देवी तालाब मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। भारी मात्रा में लोग अपने सिरों पर पूजा के सामान वाली टोकरियां लेकर मंदिर पहुंचे और मां छठी की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
चार दिनों तक चले छठ के पारण के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म हो गया। आज सुबह से ही श्री देवी तालाब मंदिर के तालाब से साइडों पर छठ वर्त रखने वालों द्वारा पूजा की जा रही है। पूजा को लेकर पुलिस कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी मानी गई हैं। इस वजह से संतान के सौभाग्य, लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना से छठ पूजा का व्रत किया जाता है। भविष्य पुराण के मुताबिक श्री कृष्ण ने अपने पुत्र सांब को सूर्य पूजा करने के लिए कहा था।
बिहार में कथा प्रचलित है कि देवी सीता, कुंती और द्रौपदी ने भी छठ पूजा का व्रत किया था और व्रत के प्रभाव से ही इनके जीवन के सभी कष्ट दूर हुए थे। उन्होंने बताया कि सूर्य का आभार जताने के लिए लोग पुराने समय से ही सूर्य पूजा करते आ रहे हैं। वेदों में भी सूर्य को प्रमुख देवता कहा गया है।
छठ देवी को भगवान ब्रह्मा की मानसपुत्री भी कहते हैं। जो लोगों को संतान देती हैं और सभी संतानों की रक्षा करती हैं। ज्योतिषीय गणना पर आधारित होने के कारण इसका नाम छठ पर्व ही रखा गया। सूर्य षष्ठी का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पूरे भारत वर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।