इनमें 3 डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, 2 असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट समेत अन्य जेल स्टाफ शामिल हैं। सरकार ने यह कदम जेलों में नशा, मोबाइल फोन और अवैध गतिविधियों के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए उठाया है।
सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में विभिन्न जेलों से ड्रग्स, मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिलने की घटनाएं सामने आई थीं। साथ ही जेलों के अंदर से चल रहे आपराधिक नेटवर्क और अधिकारियों की मिलीभगत की जानकारी भी सामने आई थी।
इन सभी मामलों की जांच के बाद सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। भगवंत मान सरकार का यह कदम दिखाता है कि जेलों में किसी भी तरह की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अपराध के लिए अब कोई जगह नहीं है।
पंजाब सरकार पहले से ही नशा तस्करी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है। जेलों को ड्रग्स मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत हर जेल में सीसीटीवी निगरानी, छापेमारी और अफसरों के रिकॉर्ड की नियमित जांच की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और भी अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। सरकार ने सभी जेल अधीक्षकों को साफ संदेश दिया है कि अगर कोई भी अधिकारी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

