हिमाचल प्रदेश (द पंजाब प्लस) हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मणिमहेश यात्रा पर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु से 100 रुपए का टैक्स वसूलने के निर्णय से श्रद्धालुओं में भारी रोष है। यह टैक्स हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है, जिसका उद्देश्य यात्रा से जुड़े प्रशासनिक खर्चो की पूर्ति और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाना बताया जा रहा है लेकिन श्रद्धालुओं और धार्मिक संगठनों ने इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि यह निर्णय आस्था पर टैक्स लगाने के समान है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु चंबा जिले के भरमौर स्थित पवित्र मणिमहेश झील के दर्शन के लिए कठिन यात्र करते हैं। लोग इसे भगवान शिव की विशेष कृपा मानते हैं और इस यात्रा को मुक्ति मार्ग समझते हैं। ऐसे में उन पर टैक्स थोपना धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। धार्मिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने सरकार से यह फैसला तुरंत वापस लेने की मांग की है।
जसवाल कॉलोनी स्थित श्री शिव शक्ति मंदिर धर्मशाला ट्रस्ट की बैठक चेयरमैन राजीव शर्मा की अगुवाई में हुई। इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एक स्वर में रोष प्रकट करते हुए इसे कांग्रेस पार्टी का जजिया टैक्स बताते हुए हिमाचल सरकार से यह फैसला तुरंत वापस लेने की कहा है। उन्होंने कहा कि टैक्स लेने की बजाय हिमाचल की कांग्रेस की सुखू सरकार को श्री मणि महेश यात्रा मार्ग पर साफ सफाई, ज्यादा गिनती में मैडीकल कैंप के साथ रास्ता चौड़ा और आसान बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने यह टैक्स वापस नहीं लिया तो इससे शिव भक्तों में रोष बढ़ेगा। सभी ने एक सुर में हिमाचल प्रशासन व सरकार को चेतावनी दी है कि यदि यह जजिया टैक्स नहीं हटाया गया तो वे विरोध प्रदर्शन व जन आंदोलन शुरू करेंगे।

