चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब में 22 नशा मुक्ति केंद्रों के जरिए ड्रग्स की अवैध बिक्री और उससे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) जालंधर जोनल टीम ने शुक्रवार को चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में कुल चार ठिकानों पर छापेमारी की।
आज सुबह से ही से सर्च शुरू की गई है। बता दें कि ये केस पहले विजिलेंस पंजाब के पास चल रहा था। जिसे अब ईडी जालंधर ने टेकओवर किया और मामले की तह से जांच शुरू कर दी है। कुछ नए तथ्यों के आधार पर मुंबई सहित चार जगह पर ये रेड की गई।
सात माह पहले सुर्खियों में आया था सारा मामला
दरअसल, यह मामला सात महीने पहले सुर्खियों में आया था, जब पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने चंडीगढ़ निवासी डॉ. अमित बंसल को गिरफ्तार किया था। अमित बंसल पर आरोप था कि वह 22 निजी नशा मुक्ति केंद्रों के माध्यम से मरीजों को दी जाने वाली एडनोक-एन (बुप्रेनोर्फिन और नलोक्सोन) गोलियों का दुरुपयोग कर रहे थे और इन्हें बाहर अवैध रूप से बेचते थे। इसी मामले में लुधियाना की ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर को भी सह-आरोपी बनाया गया था, जिसकी गिरफ्तारी तब लंबित थी।
जांच में सामने आया था कि ये गोलियां नशा छुड़ाने वाले मरीजों की सूची में शामिल लोगों की बजाय बाहर के नशे के आदी लोगों को बेची जा रही थीं। विजिलेंस की कार्रवाई के दौरान लुधियाना स्थित सिमरन अस्पताल और अन्य नशा मुक्ति केंद्रों से हज़ारों गोलियां और करीब 90 हज़ार रुपये नकद बरामद हुए थे। इसके बाद जालंधर और पटियाला में भी डॉ. बंसल के नशा मुक्ति केंद्रों पर केस दर्ज हुए।

