चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब सरकार की आज चंडीगढ़ स्थित सीएम आवास पर कैबिनेट की अहम मीटिंग हुई। इस दौरान सरकार ने ग्रुप डी की भर्ती के लिए आयु सीमा में दो साल की बढ़ोतरी की है। पहले 18 से 35 साल तक के लोग इन पदों के लिए आवेदन कर पाते थे, जबकि अब 37 साल तक आवेदन कर पांएगे।
वहीं, घटिया बीज की मार्केटिंग करने वालों को भी सख्त सजा और जुर्माना लगाया जाएगा। इसके लिए बीज एक्ट में संशोधन किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग से पशु पालन विभाग में ट्रांसफर किए गए स्टाफ का कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया है। वहीं अब वैट में सेवाएं देने वाले अधिकारियों को पंजाब सरकार के नियमों के मुताबिक सैलरी दी जाएगी।
पंजाब कैबिनेट में हुए यह पांच फैसले प्रमुख हैं –
1. पंजाब कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए।ग्रुप-डी के पदों को भरने के लिए आयु सीमा पहले 18 से 35 वर्ष थी। अब इसमें दो साल की बढ़ोतरी करते हुए अधिकतम आयु 37 वर्ष कर दी गई है। ऐसे में अब 37 वर्ष तक के उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
2. वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत “इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम” से संबंधित केस लंबे समय से लंबित थे। पंजाब स्टेट एक्ट 1935 से अब तक इस एक्ट में कोई संशोधन नहीं हुआ था। उस समय उद्योगों को सीड मनी (बीज पूंजी) के रूप में 2,000 से 10,000 रुपये दिए जाते थे। यह मामला लंबे समय से पेंडिंग था। सरकार ने अब इसका निपटारा किया है।अब 97 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है, जिससे 1,054 लाभार्थियों को फायदा होगा। इनमें से 11.94 करोड़ रुपये सरकार को वापस प्राप्त होंगे।
3.ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग से पशुपालन विभाग में तबादला किए गए कर्मचारियों का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। अब ये कर्मचारी 31 मार्च 2026 तक पशुपालन विभाग में सेवाएं दे सकेंगे।
4. पंजाब वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) ट्रिब्यूनल के चेयरमैन और सदस्यों को पहले हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के समान वेतन मिलता था।
5. अब इनके लिए पंजाब सरकार के वेतनमान लागू किए जाएंगे। इससे सरकारी खजाने पर वेतन, रेंट हाउस और डीए जैसे भत्तों का बोझ कम होगा।पंजाब में घटिया बीजों की आपूर्ति की समस्या को देखते हुए सरकार ‘सीड बिल 2025’ लेकर आ रही है। भारत सरकार द्वारा बनाए गए बीज
अधिनियम 1966 की धाराओं में संशोधन किया है। इस संशोधन के अनुसार, यदि कोई बीज कंपनी या उत्पादक घटिया बीज की आपूर्ति में दोषी पाया जाता है, तो पहली बार एक से दो साल की सजा और पांच से दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि वहीं अपराध दोबारा किया गया,
तो दो से तीन साल की सजा और दस लाख से 50 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। डीलरों को पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने से एक साल की सजा और एक लाख से पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा अपराध करने पर सजा एक से दो साल और जुर्माना पांच से दस लाख रुपए होगा।फूड ग्रेन ट्रांसपोर्ट और कैरिज पॉलिसी को लेकर सरकार नई नीति लेकर आएगी। जो आने वाले तीन साल चलेगी।

