जालंधर (दीपक पंडित) जालंधर सिविल अस्पताल में हुई एक दुखद घटना का गंभीर संज्ञान लेते हुए ने आज मैडीकल सुपरिंटैंडैंट और सीनियर मैडीकल अफसर समेत तीन डॉक्टरों को निलंबित तथा एक हाउस सर्जन को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। इन अधिकारियों की गंभीर लापरवाही के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आई, जिससे कई गंभीर मरीजों की मृत्यु हो गई।
निलंबित किए गए अधिकारियों में मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डॉ. राज कुमार, सीनियर मैडीकल अफसर डॉ. सुरजीत सिंह, तथा ऑन ड्यूटी कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डॉ. सोनाक्षी शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि इन तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है और घटना की विस्तृत जांच जारी है, जिसके आधार पर यदि दोष सिद्ध हुआ, तो इन्हें सेवा से स्थायी रूप से बर्खास्त किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में ये किसी भी सेवा लाभ के पात्न नहीं होंगे।
इसके साथ ही, ड्यूटी के प्रति घोर लापरवाही के चलते हाउस सर्जन डॉ. शमिंदर सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है
सिर्फ डॉक्टरों को सस्पैंड करना नाकाफीे, स्वास्थ्य विभाग भी जिम्मेदार : परगट सिंह
आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से डॉक्टरों को सस्पैंड किए जाने को लेकर कांग्रेस विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद्मश्री परगट सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लापरवाही के लिए एफआईआर दर्ज की जाए सिर्फ सस्पैंशन करके सरकार बच नहीं सकती है। स्वास्थ्य विभाग के किसी भी नाकामी के लिए सीधी जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह की है, उनका तुरंत इस्तीफा लिया जाना चाहिए।
सरकार की ये कार्रवाई महज दिखावे के लिए है और इससे सरकार की असली जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती। सवाल उठता है कि क्या सिर्फ डॉक्टरों को सस्पैंड करना काफी है? क्या सरकार ने असली दोषियों की पहचान की या सिर्फ पब्लिक गुस्से को शांत करने के लिए ये कदम उठाया गया है? उन्होंने पूछा कि अगर ऑक्सीजन प्लांट जैसी बुनियादी सुविधा आईसीयू में फेल हो जाती है, तो इसकी सीधी जिम्मेदारी किसकी है? क्या स्वास्थ्य मंत्री और विभाग प्रमुख इससे बच सकते हैं? परगट सिंह ने कहा कि इस मुद्दे को वह विधानसभा में भी उठाएंगे

