चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए। यह पेशी श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी शताब्दी समारोह के दौरान शिष्टाचार भंग के एक मामले को लेकर हुई, जिसमें मंत्री हरजोत सिंह बैंस को पांचों सिंह साहिबानों द्वारा तलब किया गया था।
हरजोत सिंह बैंस ने मानी गलती, धार्मिक दंड स्वीकार
कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने जानकारी दी कि हरजोत बैंस ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए क्षमा याचना की है। उन्हें इसके बदले धार्मिक सेवा के रूप में दंड भी सुनाया गया है।
हरजोत बैंस अब श्री दरबार साहिब से गुरुद्वारा गुरु के महल तक चलेंगे पैदल
मिली जानकारी के अनुसार, मंत्री हरजोत बैंस अब श्री दरबार साहिब से गुरुद्वारा गुरु के महल तक पैदल चलेंगे। इसके साथ ही वे दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब और श्री आनंदपुर साहिब में भी जोड़ों की सेवा करेंगे। जबकि आनंदपुर साहिब में वे दो दिन तक झाड़ू लगाएंगे और 1100 रुपये की देग तैयार करवाकर क्षमा प्रार्थना करेंगे।
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि 24 जुलाई को पंजाब भाषा विभाग द्वारा श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में आयोजित गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस समारोह के दौरान मंच पर प्रस्तुति दे रहे पंजाबी गायक बीर सिंह के गाने पर कुछ लोगों द्वारा नृत्य और ठुमके लगाने के वीडियो वायरल हुए थे। इन गतिविधियों को सिख परंपरा के विरुद्ध बताया गया और श्री अकाल तख्त साहिब ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई थी।
पेशी का आदेश और अनुपस्थित अधिकारी
1 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से मंत्री हरजोत सिंह बैंस और भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह ज़फर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया गया था, जिसे बाद में 6 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया। हालांकि, जसवंत सिंह ज़फर ने अपनी विदेश यात्रा और पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए बाद में पेश होने की अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

