नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) संसद के मानसून सत्र की शुरुआत एक बार फिर राजनीतिक गर्मी के साथ हुई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने एसआईआर (SIR) को लेकर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी गठबंधन INDI ब्लॉक के सांसदों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए संसद से चुनाव आयोग तक पैदल मार्च की घोषणा की, वहीं सत्ता पक्ष और उसके सहयोगी दलों ने इस विरोध को ‘राजनीतिक नौटंकी’ करार दिया।
दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
विपक्ष के SIR मुद्दे पर जोरदार हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित की गई।
एसआईआर पर तीखी टकराहट
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ सांसद संजय कुमार झा ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “एसआईआर बिहार में लागू है और वहां की जनता इससे पूरी तरह संतुष्ट है। विपक्ष को बेवजह संसद में शोर मचाने की आदत हो गई है। जब बिहार में कोई समस्या नहीं है, तो यहां इतना हल्ला क्यों?”
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से लागू किया है और इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
लोकतंत्र पर संकट: विपक्ष का आरोप
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “आज देश में लोकतंत्र खतरे में है। सरकार संविधान और संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश कर रही है। इसी के खिलाफ INDI ब्लॉक के सांसद आज पैदल मार्च निकालेंगे।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने भी चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमने चुनाव आयोग से कई बार जवाब मांगा है, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। अब समय है कि आयोग स्पष्ट रूप से सामने आए और अपनी प्रक्रिया पर जवाबदेही तय करे।”
मार्च vs ‘डांडी मार्च’
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस मार्च की तुलना ऐतिहासिक डांडी मार्च से करते हुए कहा, “राहुल गांधी गांधीजी के रास्ते पर चल रहे हैं। जिस तरह गांधी जी ने नमक कानून तोड़कर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी, वैसे ही हम भी लोकतंत्र की रक्षा के लिए ये मार्च कर रहे हैं।” उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वह सत्ता के दबाव में काम कर रहा है और विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं है।

