जालंधर (द पंजाब प्लस) जालंधर नगर निगम के अधीन आते सफाई सेवकों ने अपनी मांगों को लेकर आज सिटी के श्रीराम चौक पर धरना देकर ट्रैफिक जाम कर दिया। सफाई सेवक यूनियन के प्रधान मट्टू ने इस हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने विधानसभा चुनाव के वक्त 1132 सफाई कर्मचारियों की भर्ती का वादा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।
यूनियन प्रधान मट्टू ने आरोप लगाया कि वे लंबे समय से सरकार से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हर बार सिर्फ आश्वासन देकर चुप करवा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी समस्या कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत के सामने भी रखी, लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर बात टाल दी जाती है। इसी निराशा के चलते आज उन्होंने काम छोड़कर हड़ताल का फैसला लिया है।
मट्टू ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शायद सरकारें चाहती हैं कि धरने-प्रदर्शन चलते रहें और आम जनता परेशान होती रहे। उन्होंने कहा कि मेयर से कई बार बात हुई है, और वे हर बार यह कहकर टाल देते हैं कि ‘बात चंडीगढ़ में चल रही है।’ यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक वे सफाई का काम नहीं करेंगे।
मट्टू ने बताया कि शहर का एरिया काफी बढ़ चुका है, लेकिन सफाई कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी। इस वक्त जालंधर में केवल करीब 1300 लोग पूरी सिटी की सफाई देख रहे हैं, इतने कम लोगों से सफाई कर पाना असंभव है। एक-एक कर्मचारी को 3 से ज्यादा एरिया का काम देखना पड़ रहा है।
काम का बोझ अधिक होने के बावजूद, कर्मचारियों को समय पर सैलरी भी नहीं दी जाती। उन्होंने बताया कि उन्होंने कल से ही कुछ एरिया में सफाई बंद कर दी है, और कल से पूरे जालंधर में सफाई बंद कर दी जाएगी। उनका आरोप है कि प्रशासन उनका लगातार शोषण कर रहा है।
मट्टू ने एक गंभीर मामला उठाते हुए कहा कि कैंट एरिया में उनके 15 सफाई कर्मचारी ऐसे हैं, जिनसे 1 साल से काम करवाया जा रहा है, लेकिन उन्हें सैलरी नहीं दी गई है। एक पार्षद उन्हें अपने लेटर हेड पर ‘पक्का करने’ और ‘सैलरी देने’ का वादा लिखकर दे रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि मेयर धीर के कई बार कहने के बावजूद, कर्मचारियों से उनके पद के विपरीत काम करवाया जा रहा है। उदाहरण के लिए, माली अपना काम नहीं कर रहा है, उसे सफाई करने में लगा दिया गया है। यानी जिस फोर्थ क्लास कर्मचारी का जो काम है, वह नहीं करवाया जा रहा है।
यूनियन के नेता मट्टू ने दावा किया कि भर्ती को लेकर मेयर से उनकी बात हुई है, और मेयर ने ही उन्हें बताया है कि चंडीगढ़ से सरकार भर्ती करना नहीं चाहती है।
मट्टू ने लोगों से अपील करते हुए कहा, “कल से जालंधर के लोग अपने घरों का कचरा खुद उठाएं, हम काम नहीं करने वाले।” उन्होंने जालंधर के पार्षदों के काम को भी ‘निकम्मा’ बताते हुए कहा कि ये लोग नए बने हैं, इन्हें कुछ पता नहीं है, और ये न कुछ कर पा रहे हैं और न ही करवा पा रहे हैं। उनके काम से कर्मचारी निराश हैं और पूरी सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं।

