जालंधर (दीपक पंडित) सरकार ने पंजाब के परिवहन विभाग को पत्र जारी करके टाइम मिस कर रही बसों और टायरों के अभाव में बंद खड़ी बसों के लिए परिवहन अधिकारियों की जवाबदेही तय करके रिपोर्ट देने को कहा है। सूत्र बताते हैं कि सरकार उन अधिकारियों के विरुद्ध कारवाई करने की तैयारी में है जिनकी लापरवाही से परिवहन विभाग को भारी घाटा हुआ है। इस मामले में सरकार द्वारा पत्र जारी करने से परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों की लापरवाही से सरकार को करोड़ों का घाटा हुआ है।
फिरोजपुर की 30 बसें, जालंधर-2 की 35 बसें स्टाफ के अभाव, बटाला डिपो की एक बस तो रेडिएटर खराब होने के चलते 3 माह तक खड़ी रही। पासिंग न होने से बसों का खड़े होना पहली बार हुआ है। मंत्री की डांट के बाद पासिंग की राशि अदा की गई और फिर बसें चलीं। बसों के खड़े रहने से परिवहन विभाग को अब मुनाफे की जगह नुक्सान हो रहा है।
गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर बसों की मांग ज्यादा रहती है परन्तु उनकी स्थिति भी ऐसी ही है। टायरों के अभाव में जालंधर डिपो-1 में 3, श्री मुक्तसर साहिब में 2, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर इत्यादि में 20 वॉल्वो बसें खड़ी हैं जिनका टैक्स वॉल्वो प्रति किलोमीटर 14.50 रुपए और साधारण बस का टैक्स अढ़ाई रुपए प्रति किलोमीटर अदा करना ही पड़ता है, चाहे बस चले या न चले। टायर को रीसोल करने की स्थिति में पंजाब रोडवेज नहीं है क्योंकि रीसोल के लिए भी पुराने टायर का 70 प्रतिशत होना आवश्यक है परन्तु ऐसे टायरों का भी अभाव है।
हालांकि पंजाब सरकार द्वारा ड्राइवरों की कुछ भर्ती अभी की गई है जिससे स्टाफ के अभाव में खड़ी बसों को चलाया गया है परन्तु फिर भी 300 से अधिक बसें खड़ी हैं। सरकार ने इन बातों को गंभीरता से लिया है। विभाग को पत्र भेज कर पूछा गया है कि किन अधिकारियों के कारण टायर नहीं लिए जा सके और बसें क्यों खड़ी रहीं। गौरतलब है कि परिवहन विभाग द्वारा बसों का पासिंग टैक्स समय पर अदा न किए जाने से सरकारी बसों को भी 69 लाख रुपए का जुर्माना लगा है।