जालंधर (दीपक पंडित) पंजाब रोडवेज के बस बेड़े में बड़ी काट-छांट होने वाली है। रोडवेज के 1,751 बसों के बेड़े में लगभग 1,000 बसें फ्लीट से हट सकती हैं। सरकार ने रोडवेज और पनबस की कंडम बसों को रूटों से हटाने का फैसला लिया है। विभाग के डायरैक्टर ने सभी बस डिपो को पत्र भेजकर कंडम बसों की रिपोर्ट मांगी है। सूत्र बताते हैं कि रोडवेज की इस कार्रवाई से एक बार फिर से सरकारी बसों में फ्लीट में बसों का टोटा हो जाएगा जिससे निजी बस आप्रेटरों को सीधा-सीधा फायदा मिलेगा।
पूर्व में ही सरकारी बसों पी.आर.टी.सी., पंजाब रोडवेज और पनबस बसों का टोटा है जिसके चलते सरकारी ट्रांसपोर्ट अपने ही रूट पर बसें न चलाकर प्रतिमाह लगभग 40 लाख की टिकट बिक्री का सीधा नुक्सान भुगत रहा है। ऐसा पिछले लगभग 2 वर्ष से हो रहा है। पंजाब सरकार के बस फ्लीट में से पनबस और पंजाब रोडवेज के पास बसों का स्वीकृत फ्लीट 2,407 बसों का है परंतु बसों की संख्या केवल 1,751 है।
रोडवेज के नियमों के अनुसार एक बस को 7 वर्ष अथवा सवा 5 लाख किलोमीटर का सफर तय करना होता है, उसके बाद बस चलाने के योग्य नहीं रहती और कंडम मानी जाती है। रोचक बात यह है कि पंजाब रोडवेज के बेड़े में ऐसी अनेक बसें चल रही हैं जो अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं परंतु उन्हें छोटे-छोटे रूट पर चलाया जा रहा है और कई बसें कंडम होकर खड़ी हैं जबकि रोडवेज में स्टाफ के अभाव के चलते भी अनेक बसों को अपने रूट पर नहीं चलाया जा रहा जिसमें सीधे-सीधे विभाग की लापरवाही झलक रही है। विभाग के आला अधिकारियों ने अपने सि