नई दिल्ली उप (द पंजाब प्लस) सरकारी क्षेत्र के उपक्रम भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) ने नौसेना की स्वदेशी युद्धपोत विनिर्माण की पी17 ए परियोजना के तहत सातवें जंगी जहाज के निर्माण के लिए लगभग 4000 टन की विशेष स्टील प्लेटों की पूरी मात्रा की आपूर्ति की है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ , अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ इस श्रृंखला के सातवें जंगी जहाज आईएनएस महेंद्रगिरी का आज शुक्रवार को मुंबई में जलावतरण करेंगे।
इन युद्धपातों का जलावतरण देश की समुद्री सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। सेल ने इन पोतों के लिए मजतूत इस्पात की आपूर्ति में अपने योगदान की जानकारी दे देते हुए गुरुवार को एक विज्ञपति में कहा कि कंपनी पी17ए युद्धपोतों के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में उभरी है। सेल के अनुसार यह भारत के रक्षा स्वदेशीकरण को आगे बढ़ाने में उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इस युद्धपोत में स्टील की आपूर्ति करने के अलावा भी सेल की भूमिका रही है । कंपनी ने हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लॉन्च किए गए छठे युद्धपोत ‘ विंध्यगिरि ‘ निर्माण के लिए भी चार हजार टन विशेष स्टील की आपूर्ति की थी। पी17ए परियोजना में मेसर्स मझगांव डॉक लिमिटेड ने कुल चार जहाजों और मेसर्स जीआरएसई ने तीन जहाजों का निर्माण शामिल है। मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा तीन जहाजों का लॉन्च सितंबर 2019 और सितंबर 2022 के बीच हुआ, जबकि मेसर्स जीआरएसई ने दिसंबर 2020 और अगस्त 2023 के बीच तीन जहाजों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
इन जहाजों के लिए स्टील आपूर्ति के मामले में सेल का योगदान लगभग 28,000 टन है, जो विशेष उपयोग के लिए उच्च-स्तरीय स्टील उत्पादों की आपूर्ति करने की कंपनी की क्षमताओं को रेखांकित करता है। भारत के रक्षा क्षेत्र को समर्थन देने के में सेल ने न केवल पी17 ए परियोजना के लिए स्टील की आपूर्ति की है, बल्कि विमान वाहक आईएनएस विक्रांत, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस सूरत जैसे युद्धपोतों और आटिर्लरी बंदूक धनुष सहित विभिन्न रक्षा परियोजनाओं के लिए स्टील प्रदान करने में भी अभिन्न भूमिका निभाई है।
महेंद्रगिरि की खासियत-
-इस जहाज को दुश्मन के विमानों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों के खतरे का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है।
– दो 30 मिमी रैपिड-फायर बंदूकें जहाज को नजदीक से रक्षा क्षमता मुहैया कराएगी
-महेंद्रगिरि’ लगभग 149 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा होगा। इसका विस्थापन लगभग 6,600 टन का और अधिकतम गति 30 समुद्री मील प्रति घंटे की होगी।
-ये सुविधाएं फ्रिगेट्स को रडार और अन्य सेंसरों से छिपाने में मदद करती हैं।
-इसमें सेंसर- हवा में मिसाइल, एंटी शिप मिसाइल, एंटी सबमरीन मिसाइल और एक स्वदेशी रूप से विकसित हथियार प्रणाली शामिल है।