जालंधर (दीपक पंडित) पंजाब सीएम भगवंत मान की कर्मचारियों को घुड़की और राज्य में ESMA एक्ट लागू कर दिए जाने के बावजूद कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने कहा है कि यदि 10 सितंबर तक उनकी मांगें न मानी गईं तो 11 सितंबर को डीसी दफ्तरों से लेकर तहसीलों तक कलम छोड़ हड़ताल पक्की है। पंजाब मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन के नेताओं ने कहा कि वह अपने फैसले पर पूरी तरह से अडिग हैं।
पंजाब मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन की कलम छोड़ हड़ताल को लेकर बैठक राज्य प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल, महासचिव नरेंद्र चीमा और सचिव करविंदर चीमा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में डीसी, एसडीएम एवं तहसील दफ्तर यूनियनों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। सभी ने फैसला लिया है कि 10 सितंबर तक मांगों पर विचार न हुआ तो 11 को सभी अपनी-अपनी कलम CM भगवंत मान को सौंप देंगे।
यूनियन के प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने कहा कि मांगें न माने जाने की सूरत में पहले चरण में 11 सितंबर से लेकर 13 सितंबर तक 3 दिन कलम छोड़ हड़ताल कर कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे और सरकार का विरोध करेंगे। इसके बाद फिर 13 सितंबर को ही यूनियन बैठक कर बड़े संघर्ष की रणनीति बनाएगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपने परिवारों के साथ सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में धरने देंगे।
यूनियन का कहना है कि सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण कर्मचारियों के प्रमोशन अभी तक नहीं हो पाए हैं। यूनियन बार-बार सरकार को प्रोमोशन की लाइन में लगे कर्मचारियों की लिस्टें कई बार बैठकों में दे चुकी है। हर बार आश्वासन मिलता है कि जल्द फैसला हो रहा है, लेकिन होता कुछ नहीं है।
इसी तरह से कर्मचारियों को सेवाकाल के दौरान 4-9-14 साल की सर्विस का लाभ अभी तक फंसा हुआ है। इस पर भी सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। पहले यह लाभ मिलता था, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना पर सरकार का अभी तक कोई स्पष्ट फैसला सामने नहीं आ पाया है। कर्मचारियों की मांग है कि ठेके पर काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। बकाया डीए उन्हें दिया जाए।