जालंधर (दीपक पंडित) बाबा मुराद शाह के सालाना कार्यक्रम में मंच से माता चिंतपूर्णी के पुजारियों को लेकर दी स्टेटमेंट पर मचे घमासान के बाद मास्टर सलीम मां के दरबार में पहुंचे। उन्होंने पूरे विधि विधान से मंदिर में माथा टेका और वहीं पर बैठ कर कहा कि मां जगत जननी सबकी भूलें माफ करती है। उनसे भी जो कोई गलती हुई है उसके लिए वह माफी मांगते हैं और मां उनकी भूल को माफ करेगी।
मास्टर सलीम ने उनके खिलाफ थाना भरवाईं (ऊना, हिमाचल प्रदेश) में शिकायत रद करवाने और विवाद को खत्म करने के लिए मंदिर के पुजारियों के साथ बैठ कर उनसे भी वीडियो मैसेज जारी करवाया। बता दें कि मास्टर सलीम ने बाबा मुराद शाह के सालाना कार्यक्रम में कहा था कि वह माता चिंतपूर्णी के दरबार में माथा टेकने गए थे तो वहां पर पुजारियों ने पूछा था के बापू यानी बाबा मुराद शाह का क्या हाल है।
गायक मास्टर सलीम माता चिंतपूर्णी के दरबार में हाथ में मां की चुनरी प्रसाद लेकर जयकारे लगाते हुए पहुंचे। मंदिर में प्रवेश से पहले लगी श्री गणेश जी और हनुमान जी की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित की। इसके बाद लाइन में लगकर दरबार तक पहुंचे। माता के दरबार में बैठकर उन्होंने कहा कि माता उनसे यदि कोई गलती-भूल चूक हुई हो तो माफ करना। मां सबकी गलतियां माफ करती है।
इसके बाद फेरी लेकर मंदिर के दूसरे द्वार पर बैठ कर मास्टर सलीम ने कहा कि मेरी जिंदगी तो है ही चिंतपूर्णी माता की बदौलत उससे बढ़ा कोई नहीं है। उन्होंने तो 20-25 साल पहले जब उन्होंने भेंटे गानी शुरू की थी तभी कह दिया था भोले बादशाह सबसे बड़ी है मेरी मां और इससे बड़ी कोई और हो नहीं सकती। मां से बड़ा कुछ नहीं हो सकता। कुछ मिस अंडरस्टैंडिंग हुई हैं उसके लिए मैं क्षमा का याचक हूं।
माता रानी के चरणों में हमेशा ही नतमस्तक हूं। मैं पुजारी भाइयों, यहां के बुजुर्गों-सबसे क्षमा याचक हूं। उनका शुक्रगुजार भी हूं कि उन्होंने उन्हें माफ कर दिया है। मैं सभी का धन्यवादी हूं। मैं ऐसे ही माता की सेवा करता रहूंगा, मां के भजन गाता रहूंगा। जैसे मैं पहले माता के भजन गाता था वैसे ही आगे भी गाता रहूंगा। उन्होंने माता दरबार में कहा कि यदि उनके मुंह से कोई गलत शब्द निकल गया हो तो उसके लिए मैं क्षमा का याचक हूं। इसके बाद मास्टर सलीम ने मां का भजन ‘रज के रजाया सानूं माता ने, चरणी लगाया सानूं माता ने’ भी गाकर सुनाया। इस अवसर पर मां के दरबार में माता की चुनरी ओढ़ाकर मास्टर सलीम को सम्मानित भी किया गया।
पुजारियों ने कहा कि मास्टर सलीम मंदिर में अपनी भूल बख्शाने के लिए माफी मांगने दरबार में आए थे। सभी पुजारियों ने मीटिंग की जिसमें मंदिर अधिकारी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि मास्टर सलीम ने जाने-अनजाने में जो कहा उसके लिए माफी मांग ली है। उन्होंने मां के दरबार में जाकर माफी मांगी है। उन्हें मां ने माफ कर दिया है वह सबकी भूले बख्शती है। जब मां ने ही उन्हें माफ कर दिया तो बाकियों का तो कोई सवाल ही नहीं उठता।