जालंधर (दीपक पंडित) फैडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन पंजाब द्वारा 25 सितम्बर को मोगा में राज्य स्तरीय रोष रैली की जा रही है जिसमें आढ़तियों की 4 मुख्य समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद की जाएगी। इनमें आढ़तियों को मिलने वाली कमीशन पर लगाई गई फ्रीज की पाबंदी को हटवाना, मोगा में लगे सैलो प्लांट में भिजवाई गई गेहूं की 4 करोड़ कमीशन रिलीज करवाना, ई.पी.एफ. के नाम पर काटे गए 35 करोड़ वसूल करना व नरमे-कपास पर आढ़तियों को मिलने वाली कमीशन शुरू करवाना शामिल है।
उक्त बातों का प्रकटावा करते हुए एसोसिएशन के प्रधान विजय कालड़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार पंजाब में मंडियों को खत्म करके कार्पोरेट घरानों को व्यापार सौंपना चाहती है। कालड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फसलों पर दी जाने वाली कमीशन में लगातार कमी की जा रही है व अब इसे फ्रीज कर दिया गया है जिससे आढ़तियों में रोष पनप रहा है। सरकार के इस फैसले से आढ़तियों को सीधे तौर पर वित्तीय नुक्सान हो रहा है क्योंकि फ्रीज करने का सिस्टम लागू होने से भविष्य में आढ़तियों की कमीशन में कभी भी बढ़ौतरी नहीं हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड के ए.पी.एम.सी. एक्ट मुताबिक आढ़तियों को एम.एस.पी.पर 2.5 प्रतिशत कमीशन (आढ़त) दी जाती रही है। मंडीकरण सिस्टम के शुरू होने से हर फसल पर एम.एस.पी. के हिसाब से आढ़त देना शुरू हुआ था जोकि निरंतर चलता आया। उन्होंने कहा कि पहले यह आढ़त एक प्रतिशत थी जोकि बढ़कर 2.5 प्रतिशत तक पहुंच गई। आढ़ती 29 वर्षों से इसी कमीशन (2.5 प्रतिशत आढ़त) पर काम कर रहे हैं।