चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) जालंधर के सिमरनजीत सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि लाल-नीली बत्ती को वीआईपी कल्चर का हिस्सा मानते हुए केंद्र सरकार ने 2017 में इसका इस्तेमाल सभी के लिए बंद कर दिया था यहां तक कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के वाहन पर भी इनका प्रयोग नहीं किया जा सकता। पंजाब में एमपी, एमएलए, बोर्ड व कॉर्पोरेशन के चेयरमैन व मेयर आदि की पायलट व एस्कॉर्ट गाड़ियों पर लाल-नीली बत्ती के अवैध इस्तेमाल पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिका में कहा गया कि ये वाहन स्टेट ट्रांसपोर्ट ने इन जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करवाएं हैं, लेकिन स्टेट ट्रांसपोर्ट के पास भी ऐसा कोई अधिकार नहीं है, जो इस प्रकार इस्तेमाल की अनुमति दे। इसके साथ ही वीआईपी उपलब्ध करवाए गए वाहनों को मोडिफाई भी करवाते हैं और इस पर पुलिस का लोगो तक लगवा लेते हैं इस प्रकार के वाहनों को मोडिफाई करवा कर कानून का मजाक बनाया जा रहा है।