चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब के सीएम मान भगवंत मान ने वीरवार को पंजाब के पहले इंस्टीट्यूट लिवर एंड बिलेरी साइंसेज (PILBS) का मोहाली में शुभारंभ किया। इस मौके उन्होंने विरोधी दलों पर जमकर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले तो पंजाब में इस तरह के शुभांरभ वाले प्रोग्राम होने ही बंद हो गए थे। क्योंकि जो हाकम हमने चुनकर भेजे थे, उनका ध्यान अपने परिवार पर लग गया था।
जब सीएम का अपना स्कूल होगा तो वह सरकारी स्कूलों की सुध क्याें लेगा। इसी तरह बसों, खड्डों व शराब ठेकों में हिस्सेदारी थी। पहले मुख्यमंत्री हौबा बनाकर रख दिया था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। 20 साल से पंजाब में खुशियां गायब हो गई थी। वहीं, उन्होंने विरोधी दल के नेताओं का नाम लेकर कहा कि जिन्हें पंजाबी तक नहीं आती थी, वह पंजाब के नंबरदार बनकर बह गए थे।
सीएम ने प्रताप सिंह बाजवा, सुखबीर बादल, नवजोत सिंह सिद्धू, हरसिमरत कौर, बिक्रम सिंह मजीठिया, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का नाम लेकर कहा कि वह शर्त लगाकर कहते हैं यह लोग पंजाबी का पेपर पास नहीं कर सकते हैं। भले ही पेपर वह इन्हें पास होने के लिए 33 की जगह 25 नंबर कर देंगे। साथ ही उन्हें पेपर में आने वाले सवाल पहले बता देंगे। उन्होंने कहा कि इन्हें भी पता है कि पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ है। लेकिन इनको पंजाबी लिखने नहीं आती है। जिन्हें पंजाबी नहीं आती थी, वह पंजाब के हाकम बनकर बह गए थे।
CM ने बताया कि पंजाब में अब 70 हजार करोड़ का निवेश आ चुका है। लुधियाना में टॉटा स्टील देश का दूसरा बड़ा प्लांट लगा रही है। इसके अलावा उन कंपनियों के नाम भी गिनाएं, जिन्होंने पंजाब में निवेश किया। वहीं, उन्होंने कहा कि बादलों के समय में भी इन्वेस्ट पंजाब हुए थे। कई नामी उद्योगपति इनमें शामिल हुए। करोड़ों के निवेश के दावे किए गए। लेकिन उस इन्वेस्ट पंजाब की यादें केवल खजूर के पेड़ बचे हैं। वह भी अपने गांव लंबी ले गए हैं।
उन्होंने कहा कुछ तो जनता के लिए छोड़ दो। उन्होंने कहा जब सरकार बदली तो दो तीन मंत्री घरों से सोफे ही ले गए। एक मंत्री बेल तक उखाड़ ले गया। उन्होंने कहा कि पेट की भूख तो मिट जाता है। लेकिन नियत खराब होगी तो कुछ नहीं कर सकते हैं।