नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का पहला बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश करेंगी। वर्ष 2019 में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव जीत कर सत्ता में दोबारा लौटी थी तो सीतारमण ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश किया था। 23 जुलाई को पेश होने वाला बजट कई कारणों से अहम होगा। पहली बात, बजट में राजग गठबंधन के सहयोगी दलों की अपेक्षाओं का ध्यान रखना होगा और चुनाव परिणामों से मिले संदेशों को समझते हुए गणित तैयार करना होगा। इसके अलावा यह भी देखने वाली बात होगी कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से लाभांश के रूप में मिली 2.1 लाख करोड़ रुपए रकम का किस तरह इस्तेमाल करती है। पिछले कुछ वर्षों की तरह इस बार भी सीतारमण की बजट टीम में पुराने दिग्गज चेहरे ही हैं।
निर्मला सीतारमण
सीतारमण संसद में लगातार सातवीं बार बजट (एक अंतरिम बजट सहित) पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री होंगी। इस लिहाज से वह मोरारजी देसाई को पीछे छोड़ देंगी, जिन्होंने लगातार छह बार बजट पेश किया था। मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा ने लगातार पांच बार बजट पेश किया था। माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने के साथ राजकोषीय स्थिति सुदृढ़ करने के लक्ष्य से नहीं भटकेगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा था कि केंद्र सरकार बजट में ऐतिहासिक कदम उठाएगी। सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि युवा, महिला, किसान और गरीब सरकार की नीतियों के केंद्र में रहेंगे। बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं की घोषणा हो सकती है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाली सीतारमण 2014 से 2019 के बीच राजग सरकार में वाणिज्य एवं रक्षा मंत्रालयों की कमान संभाल चुकी हैं। 2019 में जब वह रक्षा मंत्री थीं तो उसी दौरान पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना ने हवाई हमले को अंजाम दिया था। सीतारमण कर्नाटक से राज्य सभा की सदस्य हैं।
टी वी सोमनाथन
सोमनाथन वित्त मंत्रालय में सभी सचिवों में सबसे वरिष्ठ हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ होने वाली बजट चर्चा में वह एक प्रमुख कड़ी की भूमिका में रहते हैं। बजट तैयार करने की कवायद में माहिर सोमनाथन 2019 में वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव थे और फिर 2021 में उन्हें वित्त सचिव बना दिया गया।
तमिलनाडु कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी सोमनाथन प्रधानमंत्री कार्यालय में पदस्थापित रह चुके हैं। उन्होंने 2021-22 का बजट तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस बजट में बजट से इतर उधारी लेने का चलन समाप्त कर दिया गया था। केंद्र सरकार का बहीखाता अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया था।
उम्मीद की जा रही है कि वित्त सचिव के रूप में सोमनाथन राजकोषीय गणित के साथ समझौता किए बिना गठबंधन सरकार के घटक दलों की मांग पूरी करने के लिए आवश्यक आर्थिक संसाधन का बंदोबस्त कर लेंगे। अर्थशास्त्र में पीएचडी कर चुके सोमनाथन की इस विषय पर गहरी पकड़ है और उनके अब तक 80 से अधिक शोध पत्र एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। वह दो पुस्तकें भी लिख चुके हैं। सोमनाथन कंपनी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं और वाशिंगटन में विश्व बैंक में निदेशक के रूप में भी प्रतिनियुक्त रहे हैं।
अजय सेठ
कर्नाटक कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1987 बैच के अधिकारी सेठ आर्थिक मामले के विभाग में सचिव हैं। वह बजट तैयार करने और अनुदान मांगों पर मंत्रालयों के बीच समन्वय एवं बजट का मसौदा तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
सेठ बेंगलूरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं। उन्हें भारत का पहला सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड जारी होने और अवसंरचना वित्त सचिवालय (इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस सेक्रेटेरियट) स्थापित करने की पहल को आगे बढ़ाने भी श्रेय जाता है।
तुहिन कांत पांडेय
निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव के रूप में पांडेय विनिवेश लक्ष्य तय करने की जिम्मेदारी संभालते हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से मिलने वाले लाभांश के जरिये संसाधन जुटाने पर नजर रखते हैं। फरवरी में पेश अंतरिम बजट से सरकार ने अलग से विनिवेश लक्ष्य रखने का प्रावधान समाप्त कर दिया है।
इसके बजाय सरकार ने विनिवेश, परिसंपत्ति बिक्री से प्राप्तियों एवं अन्य पूंजी प्राप्तियों (जिनका कहीं दूसरी जगह जिक्र नहीं होता है) को ‘विविध पूंजी प्राप्तियां’ के मद में एक साथ रखा है। पांडेय ओडिशा कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। लंबे समय तक विचाराधीन रहे एयर इंडिया की बिक्री को अंजाम तक पहुंचाने का श्रेय उन्हें दिया जाता है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ लाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई है।
संजय मल्होत्रा
बतौर राजस्व सचिव मल्होत्रा राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय करने की जिम्मेदारी संभालते हैं और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों में बदलाव पर निर्णय लेते हैं। मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने राजस्व लक्ष्य तय करने में सतर्क दृष्टिकोण का परिचय दिया है।
मल्होत्रा राजस्व तटस्थ संरचना तैयार करने की जिम्मेदारी संभालते हैं और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठकों में राज्यों एवं केंद्र के हितों के बीच तालमेल स्थापित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
विवेक जोशी
जोशी वित्त मंत्री की बजट टीम में हाल में ही शामिल हुए हैं। वह नवंबर 2022 में वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के रूप में आए। वित्तीय सेवा विभाग बैंकिंग, बीमा एवं पेंशन क्षेत्रों में नीतिगत बदलाव लाने का काम देखता है। जोशी हरियाणा कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। माना जा रहा है कि वह लंबे समय से विचाराधीन बीमा कानून में संशोधन आगे बढ़ाएंगे।
मगर सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी का निजीकरण मुश्किल कार्य प्रतीत हो रहा है। जोशी ने अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र में यूनिवर्सिटी ऑफ जिनेवा से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। वित्तीय सेवा सचिव नियुक्त होने से पहले जोशी महापंजीयक एवं भारतीय जनगणना आयुक्त थे।
वी अनंत नागेश्वरन
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के रूप में नागेश्वरन वृहद आर्थिक परिप्रेक्ष्य रखते हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए बजट लक्ष्य तय और बजट भाषण तैयार किए जाते हैं। अर्थशास्त्रियों की अपनी टीम के साथ नागेश्वरन आर्थिक समीक्षा लिखते हैं, जो बजट से एक दिन पहले पेश होता है।
आर्थिक समीक्षा के आधार पर विश्लेषक बजट में संभावित बातों का अनुमान लगाते हैं। नागेश्वरन 2022 में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए थे। उनके पास भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद से एमबीए की उपाधि है। उन्होंने इसेनबर्ग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, यूमास एमहर्स्ट से डॉक्टरेट भी किया है।