नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) Excise Policy Case में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम राहत मिली है। देश की शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत देते हुए जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर फैसला रिजर्व रख लिया था और शुक्रवार को फैसले की तारीख तय की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 177 दिन की कस्टडी के बाद जमानत दे दी है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय के केस में अरविंद केजरीवाल को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। इसके बाद CBI ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ पहले निचली अदालत में अपील की गई थी। लेकिन कोई राहत न मिल पाने की सूरत में केजरीवाल के वकील केस को सुप्रीम कोर्ट में ले गए थे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए अरविंद केजरीवाल को जामानत दे दी।
पिछले हफ्ते, न्यायमूर्ति कांत और भुइयां की पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान सिंघवी ने दलील दी कि सीबीआई ने सीएम केजरीवाल को दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई को रोकने के लिए “जल्दबाजी में बीमा गिरफ्तारी” की।
सीबीआई ने केजरीवाल को “उनके असहयोग और टालमटोल वाले जवाब” के लिए गिरफ्तार किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि जांच में सहयोग करने का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आरोपी को खुद को दोषी ठहराना चाहिए और कथित अपराधों को कबूल करना चाहिए, उन्होंने कहा। सिंघवी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले संवैधानिक पदाधिकारी सीएम केजरीवाल ने जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया। उन्होंने कहा, “उनके भागने का खतरा नहीं है, वे जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए आएंगे और दो साल बाद दस्तावेजों, लाखों पन्नों और डिजिटल सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते।”
दूसरी ओर, केंद्रीय एजेंसी ने आशंका जताई कि सीएम केजरीवाल की रिहाई से कई गवाह “प्रतिकूल” हो जाएंगे और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत पर रिहा न करने का आग्रह किया।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए। इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी, जिन्हें पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।