कनाडा (द पंजाब प्लस) कनाडा द्वारा Tourist visa के नियमों में बदलाव से भारतीयों के लिए कनाडा के दरवाजे लगभग बंद हो गए हैं। कनाडा आमतौर पर टूरिस्ट वीजा पर कम से कम 6 महीने की अवधि प्रदान करता था, जो आवेदक के पासपोर्ट की वैधता पर निर्भर करती थी। लेकिन नए नियमों के तहत अब वीजा की अवधि पूरी तरह से इमिग्रेशन अधिकारी के विवेक पर निर्भर होगी। यह नियम अब शेंगेन वीजा जैसा हो गया है, जिसमें यूरोपीय देशों की यात्रा के लिए हर बार वीजा आवेदन करना पड़ता है। पहले भारतीयों के लिए कनाडा का टूरिस्ट वीजा मल्टीपल एंट्री की सुविधा देता था, जो भारतीय परिवारों के लिए राहतकारी था क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय कनाडा में रहते हैं और उनके रिश्तेदारों का यहां आना-जाना लगा रहता है। बता दें कि 2023 में कनाडा ने 12 लाख भारतीयों को टूरिस्ट वीजा जारी किया था, जिनमें से 60% पंजाबी थे।
नए नियमों के अनुसार, अब हर भारतीय को कनाडा में हर बार यात्रा के लिए नया वीजा आवेदन करना होगा। इसके अलावा, अब वीजा मिलने पर एक महीने के भीतर कनाडा छोड़ना अनिवार्य होगा।
कनाडा द्वारा वीजा नियमों में इस सख्ती का कारण भारत के साथ पिछले साल से बढ़ते तनाव को माना जा रहा है। इसके चलते कनाडा ने भारत में अपने वीजा अधिकारियों की संख्या कम कर दी है और अब केवल दिल्ली में ही वीजा आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। इससे पहले, बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में भी कनाडाई वीजा आवेदन केंद्र थे, जो अब बंद कर दिए गए हैं।
भारत में वीजा अधिकारियों की कमी के कारण कनाडा के लिए वीजा आवेदन करने वालों को लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है। अब बार-बार वीजा आवेदन की आवश्यकता से कनाडा के वीजा अप्लिकेशन का बैकलॉग बढ़ेगा और वीजा आवेदन केंद्रों पर दबाव बढ़ जाएगा।
नए नियमों के कारण जरूरत पड़ने पर भारतीयों के लिए कनाडा यात्रा करना बहुत मुश्किल हो सकता है। यह संभव है कि आवश्यक समय पर वीजा प्राप्त करना कठिन हो जाए या वीजा ही न मिले, जिससे भारतीयों के लिए कनाडा जाना कठिन हो जाएगा।