चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब पुलिस ने नशा तस्करों से निपटने के लिए एक नई स्ट्रेटजी बनाई है। अब सभी जिलों की मैपिंग की जाएगी और यह पता लगाया जा सके कि वहां किस तरह की ड्रग्स उपलब्ध
हैं और उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके। सभी अधिकारियों को विशेष लक्ष्य दिए जाएंगे, जिनके आधार पर SSP और SHO की कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा।
सभी विभागों को एक साथ लाकर नशा मुक्ति के विभिन्न चरणों पर काम किया जाएगा। हमारा मुख्य लक्ष्य ड्रग सप्लायर्स पर रहेगा, जबकि नशा पीड़ितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया है कि थानों के मुंशी का कार्यकाल दो साल का होगा, जिसके बाद उन्हें रोटेट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की नशाें के विरुद्व मुहिम काफी अच्छा रिस्पांस आया है। पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई व वहां के तस्करों को नुकसान हुआ है। ऐसे में अब पाकिस्तान में पंजाब में अशांति फैलाकर यहां की भाई चारक सांझ को खराब करने की कोशिश कर रहा है।
इससे पहले डीजीपी गौरव यादव ने आज पुलिस के सीनियर अधिकारियों से हाई लेवल मीटिंग की है। मीटिंग में नशे से निपटने की रणनीति बनी है। मीटिंग में स्पेशल DGP, ADGP और IG स्तर के अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग में हर तथ्य पर गंभीरता से मंथन किया गया।
पंजाब पुलिस ने आज 424 स्थानों पर छापेमारी की, जिसके दौरान राज्यभर में 63 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर 45 एफआईआर दर्ज की गईं। इस अभियान के तहत मात्र 16 दिनों में गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या 2012 हो गई है।
पुलिस टीमों ने गिरफ्तार नशा तस्करों से 385 ग्राम हेरोइन, 19 किलो भुक्की, 2673 नशीली गोलियां/टीके और 15,600 रुपये ड्रग मनी बरामद की है। यह कार्रवाई पंजाब के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव के निर्देशों पर राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ की गई।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को तीन महीनों में पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाने के निर्देश दिए हैं। पंजाब सरकार ने नशों के खिलाफ इस अभियान की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी का गठन भी किया है।
इससे पहले रविवार को 1400 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 200 से अधिक पुलिस टीमों ने राज्यभर में छापेमारी की। इस दिनभर चले ऑपरेशन के दौरान 593 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की गइ्र। इसके अलावा, पंजाब पुलिस ने जेलों में किसी भी अवैध गतिविधि को रोकने के लिए अमृतसर कमिश्नरेट, पठानकोट, गुरदासपुर, बटाला, अमृतसर ग्रामीण और तरनतारन जिलों की विभिन्न जेलों में भी तलाशी अभियान चलाया। स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि हमारी पुलिस टीमों ने जेल परिसरों में बैरकों, रसोई और शौचालयों सहित हर कोने की गहन तलाशी ली।