नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) देश में साइबर फ्रॉड और फर्जी सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने बड़ी पहल की है। अब सिम कार्ड वेरिफिकेशन के लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) शील्ड का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिम लेना लगभग असंभव हो जाएगा।
DoT ने इस पहल की जानकारी अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल के जरिए साझा की है। उन्होंने बताया कि सिम फ्रॉड से निपटने के लिए भारत का AI शील्ड – ASTR विकसित किया गया है, जो पूरे टेलीकॉम इकोसिस्टम को स्मार्ट, सुरक्षित और फ्रॉड-प्रूफ बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
#ASTR: India’s AI Shield Against SIM Fraud!
To combat the misuse of mobile SIMs through fake or forged documents, the Department of Telecommunications (DoT) has developed ASTR is making India's telecom ecosystem safer, smarter, and fraud-resistant. It’s not just technology —… pic.twitter.com/uKBzpXhfur
— DoT India (@DoT_India) July 3, 2025
क्या है ASTR?
ASTR (AI-based Smart Telecom Regulatory Tool) एक ऐसा अत्याधुनिक टूल है जो फेस रिकॉग्निशन तकनीक पर आधारित है। यह टूल AI के जरिए यूजर के फेस वेरिफिकेशन से सिम कार्ड को प्रमाणित करेगा। यदि किसी ने फर्जी दस्तावेज के जरिए सिम कार्ड लिया है तो यह सिस्टम उसकी पहचान कर वेरिफिकेशन फेल होने पर सिम को ब्लॉक कर देगा। इससे पूरे सब्सक्राइबर डेटाबेस की AI तकनीक से दोबारा जांच की जाएगी और संदिग्ध या फर्जी सिम को हटाया जाएगा।
अब नहीं चलेगा फर्जी डॉक्यूमेंट का खेल
–DoT ने कहा है कि इस नई प्रणाली के जरिए नकली पहचान पत्रों से सिम जारी करने की घटनाओं पर लगाम लगेगी।
–सही पहचान के बिना अब सिम एक्टिवेट नहीं हो पाएगा।
–ASTR तकनीक विश्वास, पारदर्शिता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
4.2 करोड़ फर्जी सिम हुए ब्लॉक
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में DoT ने संचार साथी पोर्टल के जरिए फर्जीवाड़े की शिकायतें मिलने पर बड़ी कार्रवाई की है। अब तक 4.2 करोड़ से अधिक सिम कार्डों को ब्लॉक किया जा चुका है। इन सिम कार्ड्स का उपयोग कर कॉल, मैसेज और लिंक भेजकर यूजर्स से ठगी की जा रही थी। DoT ने बताया कि यह संख्या आने वाले समय में और बढ़ सकती है, क्योंकि संदिग्ध नंबरों की जांच और वेरिफिकेशन का काम तेजी से जारी है।
क्या करें आम नागरिक?
अगर किसी को संदिग्ध कॉल या मैसेज मिलता है, तो वह संचार साथी पोर्टल पर जाकर रिपोर्ट कर सकता है। नागरिक अपने नाम से जारी सिम कार्ड की संख्या भी पोर्टल पर जाकर देख सकते हैं और अनधिकृत सिम को ब्लॉक करवा सकते हैं।