चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब की राजनीति और सामाजिक संवेदना के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन 10 और 11 जुलाई को किया जाएगा। इस विशेष सत्र में राज्य सरकार एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार इस सत्र में बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून पेश करने जा रही है, जिसे पास कराने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
पंजाब में धार्मिक ग्रंथों और प्रतीकों की बेअदबी को लेकर बीते कई वर्षों से जनआक्रोश बना हुआ है। गुरुग्रंथ साहिब समेत अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं ने न सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को भी कई बार चुनौतीपूर्ण बना दिया। ऐसे में बेअदबी के खिलाफ कड़े और स्पष्ट कानून की मांग काफी लंबे समय से उठ रही थी।
बता दें कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी सरकार पंजाब की जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान करती है और जो बातें वर्षों से केवल वादों तक सीमित थीं, उन्हें अब अमल में लाया जाएगा। इसी कड़ी में 10-11 जुलाई को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में बेअदबी के खिलाफ कानून पेश किया जाएगा, जिसे सत्र में पास कराना सरकार की प्राथमिकता है।
सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित कानून में धार्मिक ग्रंथों और प्रतीकों की बेअदबी करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा। इसके तहत दोषी पाए जाने पर लंबी सजा और आर्थिक दंड भी हो सकता है। साथ ही, ऐसी घटनाओं की जांच और सुनवाई के लिए विशेष प्रावधान भी जोड़े जा सकते हैं।
यह विशेष सत्र न केवल कानून बनाने के नजरिए से अहम है, बल्कि यह राज्य में धार्मिक सद्भाव बनाए रखने की दिशा में एक मजबूत पहल भी माना जा रहा है। मान सरकार के इस कदम को पंजाब के लोगों से समर्थन मिलने की संभावना है, क्योंकि यह कानून न केवल न्याय सुनिश्चित करेगा, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने में भी मददगार साबित हो सकता है।