नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) महाराष्ट्र के परभणी में चलती बस में 19 वर्षीय एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन पुलिस ने बताया कि उसने और उसका पति होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने नवजात शिशु को खिड़की से बाहर फेंक दिया, जिससे बच्चे की मौत हो गई। यह घटना मंगलवार सुबह करीब 6.30 बजे पाथरी-सेलु मार्ग पर हुई। मामला तब प्रकाश में आया जब एक नागरिक ने बस से कपड़े में लिपटी कोई चीज़ फेंकते हुए देखी।
कपड़े में लपेट कर नवजात को फेंका बाहर-
उन्होंने बताया, “रितिका ढेरे नाम की एक महिला, अल्ताफ शेख (जो उसका पति होने का दावा कर रहा था) के साथ संत प्रयाग ट्रैवल्स की स्लीपर कोच बस में पुणे से परभणी जा रही थी।” “यात्रा के दौरान, गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, दंपति ने नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर बस से बाहर फेंक दिया।” उन्होंने बताया कि स्लीपर बस के ड्राइवर ने खिड़की से कुछ फेंकते हुए देखा। जब उसने इसके बारे में पूछा, तो शेख ने उसे बताया कि उसकी पत्नी को मिचली आ रही थी, जिसके कारण उसे उल्टी हो गई।
हिरासत में दंपत्ति-
अधिकारी ने बताया, “इस बीच, जब सड़क पर एक व्यक्ति ने बस से फेंकी गई वस्तु देखी, तो वह पास गया और एक बच्चे को देखकर चौंक गया। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी।” बाद में, गश्त पर निकली स्थानीय पुलिस की एक टीम ने बस को रुकवाया। अधिकारी ने बताया कि वाहन की जांच और प्रारंभिक पूछताछ के बाद, उन्होंने महिला और शेख को हिरासत में ले लिया।
शिशु की हुई मौत-
दंपति ने बताया कि उन्होंने नवजात शिशु को इसलिए फेंक दिया क्योंकि वे उसे उठा नहीं पा रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क पर फेंके जाने के बाद शिशु की मौत हो गई।
पति-पत्नी होने के नहीं है दस्तावेज़-
पुलिस के अनुसार, ढेरे और शेख दोनों परभणी के निवासी हैं और पिछले डेढ़ साल से पुणे में रह रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पति-पत्नी होने का दावा किया, लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई दस्तावेज़ नहीं दिखा सके। अधिकारी ने कहा, “उन्हें हिरासत में लेने के बाद, पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है।” उन्होंने बताया कि परभणी के पाथरी पुलिस स्टेशन में दंपत्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को नोटिस जारी किया गया है और मामले की जांच जारी है।

