जालंधर (दीपक पंडित) जालंधर के सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात उस वक्त अफरा तफरी मच गई, जब ऑक्सीजन प्लांट से 2 मिनट के लिए सप्लाई बाधित होने से ICU में भर्ती 3 मरीजों की मौत हो गई। कुल पांच मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से नुकसान हुआ था, जिनमें से 2 को बचा लिया गया।
इस घटना के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया और परिजनों ने भारी विरोध किया। यह मामला रात करीब 9 बजे का है। सूचना मिलने पर देर रात करीब सवा एक बजे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने इस फॉल्ट को लेकर बंद कमरे में डॉक्टरों के साथ मीटिंग की। साथ ही देर रात डीसी हिमांशु अग्रवाल भी मौके पर पहुंच गए थे।
मृतकों की पहचान अर्चना (15), अवतार लाल (32) और राजू (30) के रूप में हुई है। अर्चना को 17 जुलाई को सर्प दंश के बाद भर्ती कराया गया था, अवतार लाल को 27 जुलाई को नशे की ओवरडोज के कारण भर्ती कराया गया था और राजू को 24 जुलाई को टीबी के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
सेहत मंत्री के अनुसार, रविवार रात करीब साढ़े 8 बजे ICU में ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई बंद हुई थी। इसके बाद ही डॉक्टरों और टेक्नीशियनों को पता चल गया था। ऑक्सीजन प्लांट की गड़बड़ी के बारे में पता करने और उसे ठीक करने में उन्हें करीब 2 मिनट लग गए। इतने ही समय में 3 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके बारे में करीब साढ़े 9 बजे परिजनों को पता चला तो उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया।
देर रात सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एमएस डॉ. राज कुमार ने कहा- मरने वाले 3 मरीज थे। मौत का कारण पता करने के लिए हमने 9 मेंबरी कमेटी गठित कर दी है। 2 दिन के अंदर कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मामले में जांच की जाएगी कि ये टेक्निकल फॉल्ट है या फिर हमारे किसी मुलाजिम की गलती है। मरने वाले सभी मरीज सीरियस थे।
डॉ. राज कुमार ने कहा- घटना में अगर किसी भी आधिकारिक स्तर पर कोई गलती पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। कमेटी में अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। जोकि अपने अपने तौर पर हर चीज की रिपोर्ट सौंपेंगे।

