- केजरीवाल का मानदेय दोगुना करने का वादा हवाई किला साबित हुआ
- स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. बलवीर सिंह से 19 सितंबर की राखी मीटिंग
जालंधर, 15 सितंबर (रमेश गाबा) स्वास्थ्य विभाग में बहुत कम भत्तों पर काम कर रही आशा वर्कर्स और फैसिलिटेटर्स ने डेमोक्रेटिक आशा वर्कर्स फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब के बैनर तले स्थानीय दाना मंडी में राज्य स्तरीय रैली की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के बलवीर सिंह के घर की ओर विरोध मार्च निकाला गयाl 19 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक तय करने के लिए तहसीलदार श्री जिंसु बंसल के माध्यम से संगठन से एक पत्र प्राप्त होने के बाद आधिकारिक प्रेस के सामने यह विरोध मार्च समाप्त किया गया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मनदीप कौर बिलगा और वित्त सचिव परमजीत कौर मान ने कहा कि भगवंत मान सरकार ने पंजाब में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों की ओर से आंखें मूंद ली हैं और चुनाव के दौरान उनसे किए गए वादों से मुकर गई हैं। और उनके मानदेय और प्रोत्साहन को दोगुना नहीं किया और उन पर न्यूनतम वेतन कानून लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की आशा वर्करों और फैसिलिटेटरों को गिल फार्म अमृतसर में बुलाया था और सरकार बनते ही उनका मानदेय दोगुना करने का वादा किया था, जिसे लेकर पंजाब की भगवंत मान सरकार पूरी तरह से तैयार हो गई थी।
रैली को संबोधित करते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरबजीत कौर मचाकी और आयोजन सचिव गुरमिंदर कौर बहरामपुर ने पंजाब सरकार से मांग की कि आशा वर्करों और फैसिलिटेटरों को न्यूनतम वेतन कानून के तहत लाया जाए और 18 हजार रुपये वेतन दिया जाए। आशा कार्यकर्ताओं व फैसिलिटेटरों का ईपीएफ काटा जाए, पांच लाख रुपये का मुफ्त बीमा व मातृत्व अवकाश की अधिसूचना तुरंत जारी की जाए। कोविड-19 के कारण बिछड़े आशा कार्यकर्ताओं एवं फैसिलिटेटरों के परिवारों को निर्धारित नियमानुसार 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। संगठन के नेताओं ने कहा कि पंजाब की आशा वर्करों और फैसिलिटेटरों ने डेढ़ साल से सरकार के खिलाफ संघर्ष का मोर्चा खोल रखा है और मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखा जाएगा।
इस रैली के समर्थन में बोलते हुए डेमोक्रेटिक इंप्लाइज फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष जर्मनजीत सिंह छाजलवाड़ी, महासचिव हरदीप टोडरपुर और वित्त सचिव हरिंदर दुसांझ ने कहा कि अल्प पारिश्रमिक और प्रोत्साहन पर काम करने वाली आशा कार्यकर्ता और फैसिलिटेटर हमेशा अपनी जान जोखिम में डाल रही हैं। कहा जाता है कि स्वास्थ्य सेवाएं पंजाब के गरीब लोगों के घरों तक पहुंचाए जाते हैं, लेकिन पंजाब सरकार और स्वास्थ्य विभाग उनकी समस्याओं का समाधान करने की बजाय उनका शोषण कर रहे हैं।
इस मौके पर बलविंदर कौर अलीशेर, करमजीत कौर मुक्तसर, सरबजीत कौर छजलवाड़ी, बलविंदर कौर टिब्बा, गुरजीत कौर, सुखवीर कौर फरीदकोट, अमृतपाल कौर, इंदु राणा, लक्ष्मी बाई पूजा, कुलविंदर कौर फगवाड़ा, परमजीत कौर मुद्दकी, राजिंदर कौर तरनतारन, स्वर्णजीत कौर बठिंडा।, कुलविंदर कौर सीमा नवांशहर और हरविंदर कौर सुजोन, डेमोक्रेटिक इंप्लाइज फेडरेशन के गुरिंदरजीत सिंह, प्रमोद गिल, बलविंदर कौर रावलपिंडी परवीन शरमन, गुरजीत घग्गा, कुलविंदर जोशन, बीना घग्गा, गुरप्रीत मेहस और पूर्व कर्मचारी नेता अमरजीत शास्त्री भी मौजूद थे।