जालंधर (दीपक पंडित) पंजाब के 18 किसान-मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर आज से 30 सितंबर तक रेल रोको आंदोलन करेंगे। किसान आज पंजाब भर में रेलवे लाइनों पर बैठ कर धरना देंगे। रेलवे लाइनों के पास किसानों का पहुंचना शुरू हो गया है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब की किसान जत्थेबंदियों के समर्थन में हरियाणा के किसान भी आ गए हैं।
गुरुवार सुबह से किसान बड़ी गिनती में रेलवे लाइनों के पास इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि किसान तीन दिन की पूरी तैयारी के साथ आए हैं। खाने-पीने व बैठने का पूरा इंतजाम हो चुका है और ट्रालियों में सोने के लिए गद्दे भी किसान साथ लेकर आए हैं। 12 बजे किसान रेलवे लाइनों पर बैठ जाएंगे।
वहीं, हरियाणा के किसान नेता भी पंजाब के समर्थन में आ गए हैं। हरियाणा किसान नेताओं का कहना है कि हरियाणा में पैदल यात्रा पहले से चल रही है। अगर पंजाब में किसानों के साथ अन्याय हुआ या पुलिस ने कोई जोर-जबरदस्ती करने की कोशिश की तो हरियाणा के किसान भी पंजाब की तरफ कूच कर लेंगे। इसके बाद बड़ी गिनती में आंदोलन शुरू हो जाएगा।
किसानों के आंदोलन को देखते रेल यातायात पर प्रभाव पड़ सकता है। जिन लोगों ने पहले ही ट्रेनों में टिकट बुकिंग करवा रखी है, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ट्रेनों में चलने वाले डेली पैसेंजर को बसों में सफर करना पड़ सकता है।
रेलवे द्वारा किसान आंदोलन काे देखते हुए पहले ही कई ट्रेनों को कैंसिल कर चुका है, जबकि कई गाड़ियों के रूट शॉर्ट कर दिए गए हैं। किसानों की मांग है कि खेत-मजदूरों की कर्ज पूरी तरह माफ किया जाए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए, किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले पंजाब के लोगों के परिवारों को मुआवजा और एक-एक नौकरी दी जाए। बाढ़-बारिश में बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिया जाए, केंद्र सरकार MSP को तुरंत कानून बनाए और मनरेगा में हर साल 200 दिन का रोजगार देना सुनिश्चित करें।
किसानों का कहना है कि बाढ़ और बरसात से फसलों का भारी नुकसान हुआ है। बहुत सारे किसानों की न तो अभी तक गिरदावरी हुई है और न ही उन्हें मुआवजा मिला है। जिन्हें मिला भी है, वह बहुत कम है। किसान संगठनों का कहना है कि कम से कम प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवजा किसानों को दिया जाए। साथ ही केंद्र सरकार भी बाढ़ से हुए नुकसान के लिए 50 हजार करोड़ रुपए पंजाब को दे।