नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) महाराष्ट्र के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हजारों कार्यकर्ता ‘एक रहेंगे, तो सेफ रहेंगे’ का स्लोगन लिखा हुआ टी-शर्ट पहनेंगे। महायुति के सभी कार्यकर्ता यह टी-शर्ट पहनकर शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धुले में ‘एक हैं, तो सेफ हैं’, का नारा दिया था। उनके इस नारे का महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने विरोध किया था। महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने कहा था कि हम सब महाराष्ट्र में एक हीं हैं। हमें कोई भी अलग नहीं कर सकता है।।
विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की जीत के बाद पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ के नारे की ताकत का एहसास दिलाया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि महाराष्ट्र चुनाव और विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों में विभाजनकारी ताकतों, नकारात्मक राजनीति और वंशवाद की हार हुई है। महाराष्ट्र के लोगों ने स्थिरता के लिए मतदान किया है और अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करने वालों को सबक सिखाया है। महाराष्ट्र चुनाव से एकता का संदेश मिला है और ‘‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’’ के नारे को समर्थन हासिल हुआ है।
बता दें कि बुधवार को मुंबई में विधायक दल की बैठक है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पर्यवेक्षक बना कर भेजा है।
मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे है। सूत्र भी यही बता रहे हैं कि पूर्व सीएम एक बार फिर महाराष्ट्र की कमान संभालेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का ऐलान हो जाएगा। मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला करने का अधिकार पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को है। मुझे लगता है कि देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान हो सकता है। उनको मुख्यमंत्री पद का और उप मुख्यमंत्री पद का अच्छा अनुभव है। सभी विधायकों के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। मुझे लगता है कि बुधवार को देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान हो सकता है।’’
27 नवंबर को एकनाथ शिंदे ने मीडिया के समक्ष आकर कहा था कि उन्हें भाजपा का सीएम मंजूर है। इससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय को अंतिम मानेंगे।