जालंधर (दीपक पंडित) श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह बुधवार को नकोदर स्थित गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक हुए। इस दौरान बागी गुट के कई नेता मौजूद रहे। इनमें बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला सहित अन्य नेता शामिल हैं।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा- पंजाब के घर जिले में वह धार्मिक प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। जिसके चलते आज वह यहां पर पहुंचे हैं। नकोदर में उन्होंने आज श्री गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका और फिर मीडिया से बातचीत की।
श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने कहा- हमारा किसी भी सिख के साथ जाती दुश्मनी नहीं है। जिसे कार्यभार सौंपा गया है, वह भी एक सिख है। मगर जो तरीका अपनाया गया, ये गलत था और सिखों के लिए आहत करने वाला फैसला था। पूर्व जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने आगे कहा- हम गुरु घर के चौकीदार हैं। हर शहर में जाकर जाम लोगों को एक जुट करने के लिए पहुंचते हैं।
उन्होंने कहा कि आज यानी बुधवार को हम जालंधर के नकोदर में सिर्फ लोगों को एक संदेश देने पहुंचे हैं कि हमें एक जुट रहना है और हमारे संकल्प और हमारी मर्यादा तब रहेगी, जब हम अपने पंथ के साथ चलेंगे। इसी मकसद के लिए मैं आज नकोदर पहुंचा हूं।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आगे कहा- अगर कुलवंत सिंह मन्नन कहते हैं कि उन्हें इस फैसले को लेकर भरोसे में नहीं लिया गया तो ये गलत हैं। क्योंकि मन्नन एक सीनियर और सुलझे हुए नेता हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चीफ सेक्रेटरी के तौर पर मन्नन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये पोस्ट एक बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में उनकी किसी फैसले पर सलाह न लेना गलत है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि अगर ऐसे जिम्मेदार व्यक्ति को कुछ नहीं बताया जाता और उसके बिना की कोई एक्शन लिया जाता है तो इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है।