नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने शराब बिक्री को लेकर एक अहम और रणनीतिक फैसला लिया है। राजधानी में शराब की मौजूदा आबकारी नीति को अब मार्च 2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस फैसले के तहत दिल्ली में आगामी नौ महीनों तक केवल सरकारी एजेंसियों द्वारा संचालित शराब की दुकानों को ही संचालन की अनुमति दी जाएगी।
नई नीति पर काम जारी, पुरानी व्यवस्था ही रहेगी लागू
दिल्ली सरकार फिलहाल नई आबकारी नीति तैयार कर रही है, जिसके लिए एक विशेष समिति गठित की गई है। लेकिन चूंकि इस प्रक्रिया में अभी समय लगेगा, इसलिए फिलहाल मौजूदा आबकारी शुल्क आधारित लाइसेंस व्यवस्था को ही 2025-26 (1 जुलाई 2025 से 31 मार्च 2026) के लिए जारी रखने का निर्णय लिया गया है। यह वही मॉडल है, जो वर्ष 2022-23 से लागू है।
लाइसेंस नवीनीकरण का तरीका और शुल्क
लाइसेंसधारकों के लिए राहत की बात यह है कि लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया पहले जैसी ही रहेगी। यदि कोई लाइसेंसधारी 30 दिनों के भीतर आवेदन करता है, तो उसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
-30 से 60 दिन की देरी पर 25%
-60 दिन से अधिक की देरी पर 100% अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। यह कदम व्यवसायिक पारदर्शिता और समयबद्धता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
फिलहाल चार सरकारी निगम चला रहे शराब की दुकानें
-दिल्ली में इस समय 792 शराब की दुकानें हैं, जिन्हें चार सरकारी एजेंसियां चला रही हैं:
-दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (DSIIDC)
-दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (DCCWS)
-दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (DTTDC)
-दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (DSCSC)
इन एजेंसियों को ही आगे भी दुकानें संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकार के अनुसार, नई आबकारी नीति बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति काम कर रही है, लेकिन नीति को अंतिम रूप देने में वक्त लग सकता है। इस वजह से अंतरिम तौर पर मौजूदा नीति को जारी रखने का फैसला लिया गया ताकि शराब की आपूर्ति और नियंत्रण में कोई रुकावट न आए और व्यवस्था पारदर्शी बनी रहे।

