चंडीगढ़ (द पंजाब प्लस) चंडीगढ़ नगर निगम के लिए सोमवार को हुए पुनर्मतदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुलजीत सिंह संधू और राजिंदर शर्मा अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवारों को हराकर क्रमश: वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर चुने गए हैं। उच्चतम न्यायालय ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव के 30 जनवरी को घोषित परिणाम को 20 फरवरी को पलटते हुए आप-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया महापौर घोषित किया था। न्यायालय ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह, जो भाजपा नेता हैं, के खिलाफ ‘‘गंभीर कदाचार’’ के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया था।
चूंकि वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के पद के चुनाव के लिए महापौर पीठासीन अधिकारी होता है, इसलिए इन पदों के लिए दोबारा मतदान कराया गया। इन पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया का संचालन आम आदमी पार्टी (आप) के कुमार ने किया जिन्होंने हाल में चंडीगढ़ के महापौर का पदभार संभाला है। वरिष्ठ उपमहापौर पद के चुनाव में संधू को 19 वोट मिले जबकि कांग्रेस नेता गुरप्रीत गाबी को 16 वोट मिले। एक वोट अवैध घोषित किया गया। उपमहापौर पद के चुनाव में शर्मा को भी 19 मत मिले और उनकी प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस नेता निर्मला देवी को 17 वोट मिले।
इन भाजपा उम्मीदवारों ने पिछली बार भी चुनाव जीते थे। कुल 35 सदस्यीय नगर निगम सदन में भाजपा के 17 पार्षद हैं। तीन आम आदमी पार्टी (आप) पार्षदों के 19 फरवरी को भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा की संख्या 14 से बढक़र 17 हो गई थी। ‘आप’ के 10 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के सात सदस्य हैं। शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। भाजपा नेता एवं चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर को भी निगम के पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार है।