लुधियाना (द पंजाब प्लस) लुधियाना में ढ़ाई साल की बच्ची को जिंदा दफनाने वाली पड़ोसन महिला को कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है। महिला नीलम ने बच्ची दिलरोज को पहले किडनैप किया। इसके बाद गड्ढा खोदकर उसे जिंदा दफना दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को सेशन जज मुनीष सिंघल की कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया था।
नीलम ने 28 नवंबर 2021 को शिमलापुरी इलाके से बच्ची दिलरोज को स्कूटी पर किडनैप कर सलेम टाबरी इलाके में गड्ढा खोद कर जिंदा दफन कर दिया था।
दिलरोज के पुलिसकर्मी पिता हरप्रीत सिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वह अपने बच्चों के लिए बाजार से खिलौने वह चीज लेकर आता रहता था। नीलम का तलाक हो चुका था। इसलिए वह अपने बच्चों के लिए यह सब नहीं ला पाती थी। इससे वह दिलरोज से रंजिश रखने लगी। इसके बाद एक दिन वह दिलरोज को स्कूटी पर बिठाकर ले गई और उसकी हत्या कर दी।
दिलरोज घर से गायब हुई तो परिवार उसकी तलाश में जुट गया। किडनैपिंग के शक में उन्होंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवा दी। जिसके बाद तत्कालीन जॉइंट CP सिटी जे एलनचेजियन जांच के लिए मौके पर पहुंचे। इलाके में CCTV कैमरे चेक किए गए।
इस दौरान नीलम भी पड़ोसी होने के नाते उनके साथ बच्ची को ढूंढने का नाटक करती रही। हालांकि पुलिस ने जब आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो दिखा कि नीलम ही बच्ची को स्कूटी पर बिठाकर ले जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने नीलम को हिरासत में ले लिया।
पुलिस की पूछताछ में नीलम ने दिलरोज की हत्या की बात कबूल कर ली। उसने पुलिस को बताया कि वह दिलरोज को एल्डिको के नजदीक खाली जगह पर ले गई। वहां उसने गड्ढे में उसे जिंदा दफन किया। नीलम के इस खुलासे के बाद पुलिस और परिवार उस जगह पहुंचे और बच्ची को गड्ढे से बरामद किया।
बच्ची को तुरंत DMC अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। नीलम के खिलाफ IPC की धारा 364 (हत्या के इरादे से अपहरण), हत्या (302) और सबूत नष्ट करने (201) के तहत केस दर्ज कर लिया।